जेनेवा : नेपाल में नई सरकार के गठन से बढ़े गतिरोध के बाद कुछ मधेशियों की जान चले जाने पर संयुक्त राष्ट्र ने जाँच के आदेश दिए है। संयुक्त राष्ट्र इसकी निष्पक्ष जाँच कराना चाहता है। इस पूरे गतिरोध पर नेपाल सरकार द्वारा सख्ती से पेश आने और प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करने के खिलाफ चिंता जताते हुए यूएन ने तथ्यों की पुष्टि करने की भी बात कही है।
नेपाली सुरक्षा बलों द्वारा 4 प्रदर्शनकारियों को गोली मारे जाने के बाद यूएन में ह्यूमन राइटस के कमिश्नर ने यह कदम उठाया है। नेपाल की तराई में कई दिनों से मधेशी समुदाय नए सरकार से अलग राज्य की मांग पर अड़े हुए है। इसी के तहत दक्षिणी मैदानी हिस्से में मधेशियों ने भारत के साथ होने वाले महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग को बंद कर दिया है। 100 दिनों से अवरुद्ध इस मार्ग के अलावा अब तक छुटपुट घटनाओं में तकरीबन 50 लोगो की जानें चली गई है।
ह्यूमन राइट्स की प्रवक्ता रवीना शामदसानी ने इस मामले पर कहा कि हिंसा करने वालों को कानून के दायरे में लाया जाए और त्थ्यों की पुष्टि के लिए स्वतंत्र जाँच कराई जाए। उन्होने यह भी कहा कि हमारे पास सूचना है कि झड़प में 4 लोग मारे गए। प्रदर्शनकारियों ने पथराव किए तो पुलिस ने इसका जवाब गोलियों से दिया।
संगठन ने मधेशियों से हिंसा छोड़कर शांति का रास्ता अपनाने की दरख्वास्त की है। मधेशी नए नेपाली संविधान में अपने गृह प्रदेश बंटवारे का विरोध कर रहे हैं और संसद में बेहतर प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे हैं।