यमुना की स्वच्छता को लेकर उमा भारती हुईं परेशान
यमुना की स्वच्छता को लेकर उमा भारती हुईं परेशान
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हरियाणा / यमुनानगर : यमुना नदी के जल प्रवाह को देखते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने सोमवार को यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज के दौरे के दौरान कहा कि नदी में जल प्रवाह की हालत बहुत दयनीय है। उन्होंने कहा कि यमुना नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए दो चरणों में यमुना कार्य योजना की शुरुवात कर दी गई है और काम में तेजी लाने के लिए ही वह यमुना क्षेत्र का दौरा कर रही हैं। गंगा नदी की सफाई के साथ-साथ ही यमुना नदी का जल भी गंगा की तरह पवित्र होगा। उन्होंने अधिकारियों लो आदेश दिए है की यमुना नदी को प्रदूषण मुकत करने के लिए विशेष अभियान चलाएं।

नालों को या तो खत्म करें या पानी को शुद्धिकरण के बाद ही यमुना नदी में मिलाए। उन्होंने कहा कि नदियों को बचाने और उनकी सुरक्षा और स्वछता के लिए मोदी सरकार ने पहली बार नदी विकास विभाग बनाया है और गंगा के साथ-साथ यमुना के शुद्धिकरण की योजना बनाई गई है। सरकार की यही कोशिश है कि यमुना नदी का विकास इस तरह हो कि किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिले साथ ही यमुना नदी में भी पानी निरंतर रहे। हरियाणा के साथ-साथ ही दिल्ली को भी मिलने वाली पानी की मात्रा प्रभावित न हो। उमा भारती ने कहा कि हमारी चिंता यमुना की मूल धारा में पानी के गिरते स्तर को लेकर है।

उन्होंने यमुना नदी में गिरने वाले नालों के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यदि हम सरस्वती नदी के पूरे रूट को खोज लेते हैं तो यह हमारे लिए दिव्य आर्थिक तंत्र के नए आयाम खोल देगी। इसमें केन्द्र पूरा सहयोग करेगा। हरियाणा, राजस्थान, गुजरात ने भूमिगत जल बोर्ड और इसरो के साथ मिलकर सरस्वती का रास्ता तय करने के लिए कमिटी बनाई जिसमें हरियाणा ने सराहनीय कार्य किया। भूमिगत पानी को खोजने के लिए केन्द्र में भूमिगत जल बोर्ड का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि नदियों को जोड़ने के 7 प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है, जिनमें दबंग गंगा, पिंजाल, प्रतापी, नर्मदा, केन-बेतवा, पंचेश्चर पार्वती, काली सिंध आदि शामिल है।

इनमें से केन-बेतवा का प्रस्ताव कैबिनेट में पास हो चुका है। नदियों उन्होंने कहा कि यमुना नदी में पानी के प्रवाह को बढ़ाने के लिए हिमाचल और उत्तराखंड ने संयुक्त रूप से और उत्तराखंड ने अपने स्तर पर बांध बनाने के प्रस्ताव दिए हैं। इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री ने यमुना नदी और नहर के बीच की खाली जमीन के बीच मॉनसून का पानी जमा करने के प्रस्ताव दिया है। उमा यमुना का जल स्तर बढ़ाने वाली गांव दमोपुरा की थपाना नदी देखने भी गईं। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर कंवर पाल, हरियाणा के कृषि मंत्री ओपी घनखड़ ने भी यमुना नदी में पानी का प्रवाह बढ़ाने संबंधी योजनाएं पेश कीं। यमुना नदी के दौरे के बाद उमा सरस्वती शोध संस्थान के अध्यक्ष दर्शन लाल जैन से मिलने उनके घर भी पहुंचीं।

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