परिवार करता है शिकायत, फिर भी नहीं लेते हैं अवकाश : ठाकुर
परिवार करता है शिकायत, फिर भी नहीं लेते हैं अवकाश : ठाकुर
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा न्यायाधीशों को मिलने वाले ग्रीष्मावकाश को लेकर सवाए उठाए गए थे। जिसके जवाब में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा है कि न्यायाधीश गर्मियों के मौसम में अवकाश पर जाते हैं लेकिन वे किसी भी हिल स्टेशन पर नहीं जाते हैं बल्कि वे अपना समय विभिन्न प्रकरणों को लिखने में ही लगाते हैं।

उनका कहना था कि क्या आपको यह लगता है कि वे मनाली या फिर किसी और हिल स्टेशन पर आनंद उत्सव मनाने जाते हैं। जिस अवकाश काल की बात हो रही है। वह तीन सप्ताह का ही होता है। न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि यदि उन्हें लगता है कि न्यायाधीश लंबी छुट्टियां लेते हैं तो यह सही नहीं है। न्यायाधीश का परिवार भी न्यायमूर्तियों की व्यस्तता के कारण परेशान रहता है। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने इस तरह का मसला गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए भी उठाया था।

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर एक समारोह में शामिल हुए थे। इस समारोह में प्रमुख तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित थे। जहां मुख्य न्यायाधीश ठाकुर अपने उद्बोधन को लेकर भावुक हो उठे थे वहीं उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका में जजों की संख्या बेहद कम है। वर्ष 1987 में विधि आयोग ने न्यायाधीशों की संख्या को प्रति 10 लाख लोगों पर 10 से बढ़ाकर 50 करने की सिफारिश की थी मगर अब तक इस मसले पर कुछ भी निर्णय नहीं लिया जा सका।

उन्होंने न्यायाधीशों की वर्तमान संख्या को 21 हजार से बढ़ाकर 40 हजार किए जाने की बात पर भी कहा कि सारा बोझ न्यायपालिका पर नहीं डाला जा सकता है। यदि न्यायाधीशों की संख्या में इजाफा नहीं होता है तो इसे सरकार की निष्क्रियता ही कहा जाएगा।

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