नईदिल्ली। भारत में आईएसआई द्वारा धमाकों की साजिशों को अंजाम दिए जाने का प्रयत्न किया जा रहा है। इसके लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई आतंकियों से सांठ- गांठ कर रही है। आईएसआई के जासूसों को पकड़ने के 2 और सनसनीखेज मामले सामने आए हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दिल्ली और राजौरी से आईएसआई के लिए काम करने वाले दो एजेंट्स को पकड़ लिया। तो दूसरी ओर कोलकाता में 3 एजेंटों को भी धर लिया।
हालांकि इसे खुफिया एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। हालांकि यह बात भी सामने आई है कि दिल्ली क्राइम ब्रांच ने कैफेतुल्लाह खान और अब्दुल रशीद नामक दो एजेंटों को पकड़ लिया गया है। अब्दुल रशीद बीएसएफ में हेड काॅन्स्टेबल के पद पर राजौरी में नियुक्त थे। दूसरी ओर कैफेतुल्लाह राजौरी के समीप विद्यालय में लैब असिस्टेंट के पद पर है। कैफेतुल्लाह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
दूसरी ओर पुलिस द्वारा दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। कोलकाता के इरशाद अंसारी बांग्लादेशी बताए जा रहे हैं। यह बात सामने आई है कि लगभग 20 वर्ष पूर्व यह कोलकाता आया था। अशफाक अंसारी इरशाद का पुत्र बताया जा रहा है। अशफाक कोलकाता में पैदा हुआ था। हालांकि वह काम करने के उद्देश्य से बांग्लादेश पहुंचा था। इरशाद अंसारी का परिवार भी इरशाद के साथ पाकिस्तान पहुंचा।
वहां यह आईएसआई के कुछ एजेंट्स से मिला। इसके बाद वह इनके लिए काम करने लगा। अशफ़ाक अंसारी कोलकाता के हरिमोहन घोष महाविद्यालय में तृणमूल विद्यार्थि परिषद का जनरल सचिव था। 2 माह पहले हरिमोहन को निकाल दिया गया था। पकड़े जाने के बाद इसकी पूछताछ की गई। जांच के दौरान इसके पास 5 लाख रूपए के जाली नोट और सुभाषचंद्र बोस डाॅक का मेप मिला है। माना जा रहा है कि यह शिप बिल्डिंग के कार्य से जुड़ा था। पुलिस द्वारा आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।