![निकिता जैकब की ट्रांजिट बेल याचिका पर आज होगी सुनवाई](https://media.newstracklive.com/uploads/latest-news/india-news/Feb/16/big_thumb/verdict_602bbed0790e1.jpeg)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि एडिट निकिता जैकब द्वारा दायर अर्जी में गैट्टा थुनबर्ग द्वारा फार्मर्स प्रोटेस्ट के लिए साझा किए गए टूलकिट पर दर्ज मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ अग्रिम जमानत की मांग की गई थी। हितेन वेनेगांवकर आदेशों के उच्चारण तक गिरफ्तारी नहीं करने का वचन देते हैं कि "कोई भी विवेकपूर्ण अधिकारी अंतरिम में गिरफ्तारी नहीं करेगा।"
हम बता दें कि इस पर आज फैसला सुनाया जाने वाला है, वहीं कोर्ट के आदेश पर देसाई का कहना है कि सह-आरोपी शांतनु मुलुक जिसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने गैर जमानती वारंट भी खरीदा था, को 10 दिनों के लिए ट्रांजिट जमानत दे दी गई है। हितेन (दिल्ली पुलिस के लिए) - 400 लोग घायल हुए। कालक्रम इस प्रकार है। नवंबर में शुरू हुआ किसान विरोध टूल किट अपलोड कर ड्राइव पर डाल दिया गया।
देसाई ने (जैकब के लिए) - टूलकिट इंटरनेट पर बनाई गई थी। अगर मैं टूलकिट तैयार करने का हिस्सा था, तो कार्रवाई के कारण का हिस्सा यहां है। मैं केवल सीमित सुरक्षा की मांग कर रहा हूं ताकि मेरा करियर समाप्त न हो। यह युवा वकील, किसानों के लिए एक कार्यकर्ता, जो खालिस्तान के साथ कोई संबंध नहीं रखता है, अब उसे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करता है! इसलिए उसने ट्रांजिट जमानत दायर की। वह इस अदालत की प्रैक्टिसिंग एडवोकेट हैं। वह एक एक्टिविस्ट हैं। वह उत्साही पर्यावरणविद् थीं।
देसाई (जैकब के लिए) - टूल किट केवल कहती है कि आपको किसानों का समर्थन करना चाहिए। यह हिंसा का शब्द नहीं है। केदारनाथ के फैसले के अनुसार आईपीसी के 124A को लागू नहीं किया जा सकता है।
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