गुरूवार का दिन बृहस्पति देव का दिन माना गया है. इस दिन बृहस्पति देव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी हो जाती है.इसके साथ ही जिन जातकों के विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो रही हों या फिर धन की कमी, वह अगर गुरुवार का व्रत करना चाहिए. गुरुवार को बृहस्पति भगवान का व्रत रखने से घर में हमेशा सुख-संपत्ति बनी रहती है.
1-बृहस्पतिवार के दिन विष्णु भगवान की पूजा होती है. दिन में एक समय ही भोजन करें. पीले वस्त्र धारण करें, पीले पुष्पों को धारण करें. भोजन भी चने की दाल का होना चाहिए. नमक नहीं खाना चाहिए.
2-पीले रंग का फूल, चने की दाल, पीले कपड़े तथा पीले चन्दन से पूजा करनी चाहिए. पूजन के बाद कथा सुननी चाहिए. इस व्रत से ब्रहस्पति जी खुश होते हैं तथा धन और विद्या का लाभ होता है. यह व्रत महिलाएं आवश्य करें.
3-बृहस्पतिवार को सवा पांच किलो आटा एवं सवा किलो गुड़ लेकर दोनों को इकट्ठा कर आटा गूंथ लें और रोटियां बना लें और सायंकाल के समय गाय को खिलाएं. तीन गुरुवार तक ऐसा करने से दरिद्रता दूर होती है और धन की प्राप्ति होती है.
4-विवाह में बाधा पड़ रही हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार के दिन शाम को केले के पेड़ पर पांच तरह की मिठाई, दो हरी इलायची एवं शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करें. ऐसा तीन गुरुवार तक करने से शीघ्र लाभ होगा.
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