बचपन में जब भी कभी संडे आता था तब मम्मी बहुत ही अच्छे से नहला धुला कर तैयार कर देती थी। लेकिन जैसे ही ठंडी का मौसम आता था हर कोई नहाने से डरता था क्योंकि ठंड में नहाना किसी को अच्छा नहीं लगता। ये छोटे बच्चो का कहना है, लेकिन अब जो बच्चे बड़े हो गए है उनसे पूछा जाए वो दिन कैसे थे तो उनका कहना यही होगा की वही दिन बहुत अच्छे थे।
जब बच्चे बड़े हो जाते है तो उन दिनों को सिर्फ याद कर सकते है उसमे लौट कर जा नहीं सकते। आजकल के बच्चो के बालो में शैम्पू करने के लिए एक मेड रखी गयी है कुछ ही इनसे घर है जहां पर बच्चो की मम्मी उन्हें नहलाती है।
आज भी कई ऐसे लोग है जो चाहिए जितने भी बड़े हो जाए लेकिन सन्डे को भी नहीं नहाते। उन्ही के लिए पेश किया गया है यह गाना।
नार्थ कोरिया के 5 झूठ जो वहां के बच्चो को पढ़ाए जाते है