इन उपायो से मिलेंगे भगवान
इन उपायो से मिलेंगे भगवान
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हिंदू पुराणों में वर्णित है कि सतयुग में समाधि, रूप, ध्यान, योग से. त्रेतायुग में बड़े-बड़े यज्ञों से और द्वापर युग में विधिपूर्वक पूजा अर्चना करने से भगवान प्रसन्न होते थे. वहीं कलयुग में केवल हरि नाम का जप करने से वह सहज मिल जाते हैं.

बस इसके लिए आप पूरी तरह से ईश्वर पर आस्था और विश्वास रखें. इस संबंध में भगवान श्रीकृष्ण श्रीमद् भागवत में कहते हैं...

य: पठते् प्रयतो नित्यं श्लोकं भगवतं सुतः.
अष्टादशपुरणानां फलमाप्नोति मानवः..

यानी जो प्रतिदिन पवित्र चित्त होकर भागवत के एक श्लोक का पाठ करता है, वह मनुष्य अठारह पुराणों के पाठ का फल हासिल करता है.

नित्यं मम कथा यत्र तत्र तिष्ठन्ति वैष्णवः.
कलिब्रह्मा नरास्ते वै येदर्चयन्ति सदा मम..

यानी जहां नित्य मेरी कथा होती है, वहां विष्णु पार्षद प्रह्लाद आदि विद्यमान रहते हैं. जो मनुष्य सदा मेरे भागवत् शास्त्र की पूजा उपासना करते हैं, वे कलियुग के अधिकार से अलग हैं. उन पर कलियुग का वश नहीं चलता.

यत्र तत्र भवेत् पुण्यं शास्त्रं भागवतं कलौ. 
तत्र तत्र सदैवाहं भवामि त्रिदशैः सह..

यानी कलियुग में जहां-जहां पवित्र श्रीमद् भागवत् पुराण रहेगा, वहां मेरा वास होगा. यही नहीं सभी तीर्थ, नदियों में मेरा वास होगा. संपूर्ण यज्ञ, सात पुरियां और सभी पावन पर्वत वहां नित्य निवास करते हैं.

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