आंध्र प्रदेश में भाई और बहन के बीच सत्ता को लेकर घमासान, शर्मिला क्या कांग्रेस के लिए साबित होंगी तुरुप का इक्का?
आंध्र प्रदेश में भाई और बहन के बीच सत्ता को लेकर घमासान, शर्मिला क्या कांग्रेस के लिए साबित होंगी तुरुप का इक्का?
Share:

आंध्र प्रदेश में तीन महीने के उपरांत लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने जा रहे है, जिसे लेकर सियासी सरगर्मियां और भी तेजी से बढ़ती जा रही है. कांग्रेस दस वर्षों से राज्य में सत्ता का बाहर है, लेकिन कर्नाटक और तेलंगाना की सत्ता पर काबिज होने के उपरांत आंध्र प्रदेश में भी उसे अपनी वापसी की उम्मीदें दिखने लग गयी है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से जी रुद्र राजू ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया है, जिसके उपरांत अब कहा जा रहा है कि सूबे में पार्टी की कमान वाईएस शर्मिला को सौंपी जा सकती है. वाईएस शर्मिला सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन है और हाल ही में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया है.

आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी को सत्ता से सिंहासन तक पहुंचाने में वाईएस शर्मिला का महत्वपूर्ण रोल है, लेकिन सियासत ने ऐसी जगह लाकर खड़ा कर दिया है कि अब भाई-बहन एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हुए दिखाई दे रहे है. कांग्रेस आंध्र प्रदेश में अपनी वापसी के लिए शर्मिला पर दांव लगाने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि इसी मद्देनजर जी रुद्र राजू का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है ताकि शर्मिला की ताजपोशी चुनाव से पहले करके सियासी संदेश भी पहुंचाया जा सके. रुद्र राजू 20 जनवरी से बूथ स्तर पर बैठक शुरू करने जा रहे थे, लेकिन उससे पूर्व ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेज डाला.

शर्मिला को क्या मिलेगी कांग्रेस की कमान: YS शर्मिला पहले ही अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए बोल चुकी हैं कि वह कहीं भी काम करने के लिए तैयार हैं, जहां कांग्रेस पार्टी उन्हें मैदान में उतारे, चाहे वह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह हो या कोई और स्थान. ऐसे में चर्चा यह है कि कांग्रेस चाह रही है कि आंध्र प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने का कार्य कर सके, जिसके चलते ही उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने के अनुमान भी लगाए जा रहे हैं. इस तरह तरह कांग्रेस की रणनीति है कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालकर आंध्र प्रदेश के चुनाव में अपने भाई जगन मोहन रेड्डी से दो-दो हाथ करें.

आंध्र प्रदेश के सीएम रहे दिवंगत वाईएसआर रेड्डी की बेटी वाईएस शर्मिला हैं, जिन्होंने हाल ही में घर वापसी भी की है और अपनी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया है. वाईएसआर रेड्डी के 2009 में निधन के उपरांत जगन रेड्डी के कांग्रेस के साथ मतभेद हो गए थे, इसके चलते उन्होंने 2011 में वाईएसआर कांग्रेस का गठन भी किया है. जगन रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस की कमान संभाली जबकि अपनी बहन शर्मिला को राष्ट्रीय संयोजक नामित  कर दिया था.

मालदीव के नक्शे कदम पर निकला बांग्लादेश, भारत के खिलाफ कर रहा ये काम

जानिए क्या है 16 जनवरी का इतिहास?

फोर्ड मोटर्स: भारतीय बाजार में एंडेवर की वापसी की तैयारी में फोर्ड, जल्द ही नई जनरेशन फॉर्च्यूनर की भी होगी एंट्री

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -