Oct 15 2016 08:41 PM
अक्सर प्री-मेच्योर शिशुओं में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देखी जाती है. इसके अलावा हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, प्री-मेच्योर शिशुओं में 'ओस्टियोपेनिया' होने का खतरा काफी बढ़ जाता है.
तेल-अवीव यूनिवर्सिटी में किये गए इस शोध में 34 वीएलबीडब्ल्यू(प्री-मेच्योर) बच्चों पर अध्ययन किया गया था. जहाँ सभी शिशुओ की औसत बोन मास की तुलना की गई. जहाँ उन्होंने पाया की वीएलबीडब्ल्यू बच्चो में हड्डियां कमजोर काफी कमजोर हो जाती है.
जो भविष्य में टूट भी सकती है. व्यायाम कर के इस परेशानी से बचा जा सकता है. अध्ययन के दौरान जिन 13 शिशुओं ने रोजाना दो बार व्यायाम किया उनके बोन मास में होने वाली कमी की दर बेहद कम देखी गई है.
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