भोपाल: भेल प्रबंधन द्वारा नाश्ते और खाने की थाली के दाम बढ़ाने के प्रस्ताव पर कर्मचारी यूनियनों द्वारा विरोध जताया गया. जिसके चलते प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी. भेल प्रबंधन का कहना है कि महंगाई के चलते 16 साल बाद मामूली दाम बढ़ाए जा रहे हैं वहीं यूनियनों का कहना है कि किसी भी हाल में दाम नहीं बढ़ने देंगे.
भेल प्रबंधन ने शनिवार को इंटक, ऑल इंडिया भेल एम्पलाइज यूनियन और बीएमएस के समक्ष चाय-नाश्ता और खाने की थाली के दाम बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. इसका तीनों यूनियनों ने जमकर विरोध किया. उनका कहना था कि भेल प्रबंधन के अधिकारी अपने खर्च में कटौती करें, न की कारखाने की कैंटीनों से कर्मचारियों को मिलने वाले नाश्ते और खाने के दाम बढ़ाएं.
वहीं प्रबंधन का तर्क था कि वर्ष 2000 में खाने के रेट बढ़ाए गए थे. बीते 16 सालों में महंगाई आसमान छू रही है. ऐसे में रेट रिवाइज करना पड़ेंगे. उल्लेखनीय है कि रोजाना तीन हजार भेल कर्मचारी कारखाने में संचालित तीनों कैंटीनों में चाय-नाश्ता और खाना खाते हैं. भेल प्रबंधन ने सबसिडी देकर कम दाम में कर्मचारियों के लिए यह व्यवस्था की है.