नई दिल्ली : कंप्युटर तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाने में भारत विश्व के देशों से किसी भी स्तर पर पीछे नहीं है। ऐसे में यहां बड़े पैमाने पर कंप्युटर और कंप्युटर पेरीफेरल्स का उपयोग किया जाता है। जिस वजह से कंप्युटर पार्टस कई बार पुराने होकर बेकार हो जाते हैं।
देश में मोबाईल एसेसरीज़ जल्दी जल्दी बदले जाने का चलन है। ऐसे में ई - कचरे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में संसदीय समिति द्वारा विधायी और प्रवर्तन तंत्र स्थापित करने की सिफारिश की गई है। जिससे भारत को विकसित देशों के ई 7 कचरा निपटारे के तौर उपयोग किए जाने से बचाया जा सके।
मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में इस मसले पर संसदीय समिति ने कहा कि ई - वेस्ट मैनेजमेंट एक बड़ी समस्या है। ई - वेस्ट विकसित देशों से एशिया, अफ्रीका और लेटिन अमेरिका भेजा जा सकता है। जिसके बाद देश में ई - वेस्ट की समस्या नहीं रहेगी। फिलहाल देश में कबाड़ में बड़े पैमाने पर ई वेस्ट निकलता है। जिसकारण कई सारी परेशानियां आती हैं। फायबर और प्लास्टिक के उपयोग के कारण ये कई बार पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है।
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