इंदौर : आपको ये बात सुनने में जरुर अजीब लगी होगी कि कोई किसी का विरोध करने के लिए क्या गुलाब दे सकता हैं. आपने विरोध के बहुत से तरीके देखे होंगे मगर कभी-कभी आपका शांत तरीके से किया गया विरोध भी आपके लिए कारगर साबित होता हैं. ऐसा ही तरीका पारिजा चिंचवड़कर नें कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान अपनाया तथा कलेक्टर कों गुलाब का फूल भेंट किया. पारिजा 2 साल सें अनुकम्पा नियक्ति के लिए परेशान हो रही थी. पारिजा के पिता जल संसाधन विभाग में सब इंजीनियर थे जिनकी 2014 में मृत्यु हो गई थी. इन्ही कि जगह पारिजा नें अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था.
कलेक्टोरेट में जनसुनवाई में पारिजा चिंचवड़कर गुलाब के फूलों का गुलदस्ता लेकर पहुंची थी और उसने गुलदस्ता कलेक्टर पी. नरहरि को देते हुए धन्यवाद दिया था. पारिजा कि इस हरकत नें सबको चौंका दिया तथा कलेक्टर के पूछने पर उसने बताया कि मैं दो साल से अनुकंपा नियुक्ति के लिए परेशान हो रही हूं. आपने मेरे दस्तावेज देखकर शिक्षा विभाग को मुझे अनुकंपा नियुक्ति देने के आदेश दिए थे, लेकिन अधिकारी नहीं सुन रहे हैं. इसलिए विरोध के लिए कुछ गलत करने के बजाय मैं आपको सिस्टम की खामियां और अपनी परेशानियां बताते हुए यह फूल भेंट कर रही हूं. पारिजा एमएससी माइक्रोबॉयोलॉजी और बीएड की डिग्री धारक है.
पारिजा नें कलेक्टर से कहा कि वो यहाँ से बिना जॉब लिए वापस नही जाएगी उसे उचित आश्वासन चाहिये हैं. जिस पर कलेक्टर नें पारिजा से 2 दिनों का समय माँगा. और कहा कि सारे पहलुओं कि जांच करने के बाद जवाब दिया जायेगा. अंत में कलेक्टर के आदेश पर उसे नौकरी दिए जाने के आदेश हुए और शुक्रवार को उसने कोषालय में कोषा व लेखा लिपिक सहायक ग्रेड तीन के पद पर ज्वाइन किया. जहाँ पारिजा का शुरूआती वेतन 20,000 हैं.