पढाई करना सबके बस की बात नहीं है। क्यों सही कह रहे है ना हम। बच्चो को पढाई में कम, खेलने में ज्यादा इंटरस्ट होता है ऐसे में बच्चे एक्जाम देने तो चले जाते है लेकिन एक्जाम में चीटिंग कर लिख आते है या फिर एक्जाम में ऐसे इनसे आंसर लिखकर आ जाते थे जिनका कोई मतलब नहीं होता है। हम बात कर रहे है ऐसे बच्चो की जो बिलकुल ढीठ होते है जिन्हें पढ़ने लिखने से कोई मतलब नहीं होता बस अपना रौब झाड़ते है और फ़ालतू की लप्पासी करने कॉलेज और स्कूल में आते है। जी हाँ, अब आप इन तस्वीरों को ही देख लीजिए आपको समझ आ जाएगा की बच्छे कैसे कैसे आंसर लिख लिख कर अपने शिक्षको को कंफ्यूज कर देते है।