Aug 11 2016 05:40 AM
सिखों का पवित्र स्थल गुरुद्वारा करतार साहिब भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर मौजूद है. माना जाता है कि सिख धर्म के पहले गुरु गुरु नानक यहां 17 साल तक रुके थे और 1539 में इसी जगह पर उन्होंने आखिरी सांस ली थी. 2022 में इस मंदिर की 500वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी और माना जा रहा है कि इस मौके पर यहां कई हजार श्रद्धालु मत्था टेकने पहुंचेंगे.
भारत-पाकिस्तान के तनाव भरे रिश्ते को सुधारने में यह धार्मिक स्थल काफी योगदान कर सकता है. पंजाब सरकार जल्द ही एक ऐसी योजना बना रही है जिसके तहत हिंदू, मुस्लिम, सिख और बौद्ध धर्म के ऐसे पर्यटन स्थलों की मरम्मत कराई जाएगी और यहां आने वाले पर्यटकों के रहने खाने के लिए होटल आदि की सुविधा शुरू करवाई जाएगी.
इस योजना की शुरुआत 2017 से करने की तैयारी है. देश से बाहर मौजूद धार्मिक स्थलों के बचाव और संरक्षण के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों का सालभर आना जाना लगा रहता है जिससे किसी भी देश के पर्यटन को फायदा होता है.
हिंदी न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml
इंग्लिश न्यूज़ - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml
फोटो - https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml
© 2024 News Track Live - ALL RIGHTS RESERVED