नई दिल्ली : हाल ही में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक ऐसे आरोपी को पकड़ा है जो हत्या के एक मामले में दोषी होने के बाद पकड़ा गया था। मगर आरोपी की जमानत हो जाने के बाद वह फरार हो गया। उक्त आरोपी विपिन कुमार उर्फ विपिन खन्ना उर्फ विनायक कुमार को अपने ही सचिव की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा दी गई है। बताया जा रहा है कि सचिव एक महिला थी और वह अपराधी विपिन के बच्चे की मां बनने वाली थी। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 1995 में पंजाब हाईकोर्ट द्वारा विपिन को दोषी कहा गया।
मामले में आरोपी विपिन को सर्वोच्च न्यायालय ने दोषी होने के बाद जमानत दे दी थी लेकिन दोषी अपराधी विपिन कानूनी मसले को नहीं समझ पाया और वह मौका पाते ही मौके से फरार हो गया। विपिन 1995 में पंजाब हाईकोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जा चुके हैं। जब न्यायालय में इस बात की जानकारी मिली तो न्यायाधीशों ने अपराधी की तलाश करने और उसे पकड़ने की बात कही।
मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कुमार एक फर्जी नंबर प्लेट के वाहन के साथ निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास पहुंचा है। इसके बाद पंजाब पुलिस ने दूसरे राज्य की पुलिस के साथ अभियान चलाकर उसे पकड़ लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे उम्रकेद की सजा सुनाई गई। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 1990 में विपिन कुमार ने पिता के स्टील बर्तन के कारोबार में काम करना प्रारंभ किया।
उसने एक सेक्रेटरी रखी थी। जिसके साथ उसके अंतरंग संबंध हो गए। जब उसे पता लगा कि उसकी सेक्रेटरी उसके बच्चे की मां बनने वाली है तो उसने उसकी हत्या कर दी। मामले में उसके पिता रामलाल और वाहन चालक अमरजीत को पकड़ निलया गया। उसके पिता रामलाल की मौत जेल में ही हो गई थी। मामले में फरार विपिन को पकड़ लिया गया। और फिर उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई।