1 महीने पहले से थी रुद्राक्ष महोत्सव की खबर, फिर क्यों रद्द करनी पड़ी पं. प्रदीप मिश्रा की कथा? जानिए पूरा मामला
1 महीने पहले से थी रुद्राक्ष महोत्सव की खबर, फिर क्यों रद्द करनी पड़ी पं. प्रदीप मिश्रा की कथा? जानिए पूरा मामला
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सीहोर: मध्य प्रदेश के सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव का रद्द होना सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। सरकार पर विपक्ष तो हमलावर है ही, बीजेपी नेता भी इसे लेकर सरकार से सवाल पूछने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भक्त भी निरंतर अपना गुस्सा दिखा रहे हैं। सबका एक ही प्रश्न है कि आयोजन के बारे में एक माह पहले ही पता चल गया था। एक हफ्ते में 15 लाख व्यक्ति आने वाले थे। अब ऐसी क्या दिक्कत आई कि इसे रोकने के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा पर दबाव डाला गया। सरकार, इस प्रश्न का अब तक कोई जवाब नहीं दे पाई है। प्रशासन तो 28 फरवरी को ट्वीट कर इंतजाम दुरुस्त करने को लेकर अपनी पीठ थपथपा चुका है। निरंतर दूसरे वर्ष 7 दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन होना था। 10 हजार वर्गफीट में पंडाल लगाया गया था। शिव महापुराण कथा तथा अन्य धार्मिक कार्यक्रम होने थे। महोत्सव में सात दिन के भीतर 11 लाख से ज्यादा रुद्राक्ष वितरित किए जाने थे। यह बात रफ़्तार से श्रद्धालुओं तक पहुंच रही थी। 20 फरवरी को शहर के बड़ा बाजार मौजूद अग्रवाल पंचायती भवन में दो दर्जन से ज्यादा महिला मंडलों की बैठक भी हुई।

वही 28 फरवरी की प्रातः साढ़े 7 बजे से रुद्राक्ष अभिमंत्रित किए जाने थे। श्रद्धालुओं को वितरित करने के लिए 11 लाख 51 हजार रुद्राक्ष नेपाल के मुक्ति नारायण से मंगवाए गए थे। इंतजामों के लिए 2000 कार्यकर्ताओं की टीम खड़ी की गई थी। 3500 महिलाओं की 60‎ टीमें भी आयोजन के इंतजाम देख रही थीं। सीहोर से बाहर के लोग भी सम्मिलित थे। श्रद्धालुओं के खाने का इंतजाम पंडाल में था। प्रातः 7 से रात 10 बजे तक खाना मिले, ऐसा इंतजाम किया गया था। कथा का वक़्त दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित रखा गया था। शाम 6 बजे आरती के पश्चात् 7 बजे से मुंबई, नैनीताल, पुणे के कलाकार प्रस्तुतियां देने वाले थे। तीन पंडाल बनाए गए थे, इनमें लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं के रुकने का इंतजाम था। रुद्राक्ष महोत्सव‎ का आरम्भ वैसे तो 28 फरवरी से होना था, मगर इसमें सम्मिलित होने के लिए एक दिन पहले‎ ही बड़े आँकड़े में‎ भक्त पहुंच गए थे। सभा स्थल पर बने पंडाल तो फुल हो ही गए थे। शहर की सभी होटलें तथा‎ धर्मशालाएं भी बुक हो चुकी थीं।‎ पहले‎ चरण में प्रातः 9 बजे तक रुद्राक्षों‎ का अभिषेक किया जाना था।‎ मंदिर परिसर इलाके में जाने के लिए आयोजन समिति ने भटोनी‎ गेट से प्रवेश द्वार बनाया था। लगभग 60 एकड़ इलाके में तम्मा जगहों पर पार्किंग‎ का इंतजाम भी किया गया था। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, सोमवार प्रातः 7 बजे से इस 7 दिवसीय महोत्सव का आरम्भ हुआ। भक्तों के लिए रुद्राक्ष को अभिमंत्रित किए गए। दोपहर 1 बजे कथा आरम्भ हो गई। श्रद्धालुओं का तांता निरंतर बढ़ता रहा। स्थिति यह हो गई कि भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे के दोनों तरफ 25 किलोमीटर तक गाड़ी फंस गई। दोपहर 2 बजे स्थिति ऐसी बनी कि टू-व्हीलर तक को निकलने के लिए जगह नहीं मिल रही थी।

वही दोपहर तक पंडाल पर दो से ढाई लाख भक्त पहुंच चुके थे। अफरा-तफरी के हालात को देख कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा भावुक हो गए। उन्होंने व्यास गादी पर बैठे-बैठे बोला- ऊपर से बार-बार दबाव आ रहा है, इसलिए कथा रद्द कर रहा हूं। आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि अपने घर जाकर ऑनलाइन माध्यम से ही कथा सुनें। कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा 28 फरवरी से विशाल रुद्राक्ष महोत्सव आयोजित किया गया था। इस आयोजन में देशभर से बड़े आँकड़े में भक्त सीहोर पहुंचे। भक्तों एवं वाहनों का आँकड़ा अपेक्षा से कहीं ज्यादा होने कि वजह से आरम्भ में जाम का हालात निर्मित हुआ, मगर जिलाधिकारी चंद्रमोहन ठाकुर तथा एसपी मयंक अवस्थी ने इंतजाम को सुचारु बनाया। जिलाधिकारी एवं SP स्वयं मोर्चा संभालते हुए माइक से निरंतर घोषणा करते रहे तथा इंतजामों में लगे अफसर-कर्मचारियों को निर्देश देते रहे। सभी इंतजाम सुचारु तौर पर चलने लगे। सीहोर के लोकल नेता तो इसे लेकर आमने-सामने आ ही गए थे। वही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंतजामों को लेकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से बात की। गृहमंत्री ने कहा- दंडवत प्रणाम कर रहा हूं महाराज, निवेदन कर रहा था प्रशासन की कोई समस्या तो नहीं है। कोई बात होगी तो बताइएगा, कोई भी जरुरत हो। आपके आशीर्वाद से ही सरकार है महाराज। जवाब में पंडितजी ने कहा कि आज सभी इंतजाम दुरुस्त हैं, अब कोई समस्या नहीं है। पंडित मिश्रा ने गृहमंत्री से एक बार मंदिर आने को बोला। जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि वे अवश्य आएंगे।

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