उत्तर प्रदेश/लखनऊ : सड़क सुरक्षा विधेयक के खिलाफ देश भर में आटो, टैक्सी तथा बस संचालकों की 24 घंटे की हड़ताल का असर उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में दिखायी दे रहा है। स्कूल जाने के लिए सुबह बच्चों की बस, वैन व टैक्सी न आने के कारण अभिभावकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रोडवेज से अनुबंधित बसों के चालक भी इस हड़ताल में शामिल हैं। इस हड़ताल के कारण सड़कों पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है।
रोडवेज कर्मचरियों की हड़ताल से बसों का परिचालन ठप हो गया। बसें बस अड्डों में खड़ी हैं। बस परिचालन ठप होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घर के बाहर जाने के लिए निकले लोग इधर-उधर भटकते दिखाई दे रहे हैं। सड़क सुरक्षा विधेयक के खिलाफ बुधवार मध्य रात्रि से कई परिवहन संगठनों ने चक्का जाम व हड़ताल की घोषणा की है।
दूसरी तरफ हड़ताल का विरोध कर रहे संगठनों ने परिवहन व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने का दावा किया है। रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रवक्ता आर.पी. वर्मा ने कहा इस विधेयक के खिलाफ बुधवार मध्यरात्रि से ही बसों का संचालन बंद करा दिया गया है। इस हड़ताल का टेंपो-टैक्सी महासंघ सहित कई अन्य संगठन समर्थन कर रहे हैं। वहीं लखनऊ ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर संघ ने हड़ताल का पुरजोर विरोध किया है।
परिवहन संगठनों की बुधवार को हुई बैठक के बाद हड़ताल न करने का फैसला लिया गया। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि परिवहन व्यवस्था सामान्य रहेगी और सभी वाहन सामान्य रूप से चलेंगे। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक ए.के. सिंह ने बताया कि हड़ताल का आह्वान केवल एक संगठन ने किया है जबकि शेष संगठन इसमें शामिल नहीं है। इस कारण हड़ताल का कोई प्रभाव नहीं रहेगा। एहतियात के तौर पर प्रशासन व पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गई है।