खूब चल रह है टैटू बनवाने का क्रेज
खूब चल रह है टैटू बनवाने का क्रेज
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आधुनिकता का रूप धारण किये आज बॉडी पर टैटू गुदवाने का शौक मॉडर्न जेनरेशन के सिर चढ़ कर बोल रहा है. अगर टैटू के इतिहास की बात करें तो आदिवासी समुदाय खास तौर पर अपने शरीर में विशेष निशान बनवाते थे, जो उनके कबीले का प्रतीक होता था.

धीरे- धीरे टैटू श्रृंगार और प्रेम प्रदर्शन का माध्यम बनता चला गया. महिलाएं हाथों में ब्रेसलेट और चुड़ियां, पैरों में पायल की जगह, तरह- तरह की डिजाइन का गोदना करवाने लगी. प्रेमी- प्रेमिका अपने साथी का नाम लिखवाने लगे. 70 के दशक में टैटू का इस्तेमाल लोग विरोध प्रदर्शन के लिये भी करते थे. लेकिन 90 के दशक के बाद यह फैशन के तौर चल पड़ा.

इसके लिए खास स्टूडियो बने होते हैं. पुराने समय में बहुत ही क्रूड तरीके से बगैर कोई प्रिकॉशन लिए अनहाइजिनिकली गली मोहल्लों में झोला लिए टैटू बनाने वाले अपना बिजनेस करते थे. अब ऐसा नहीं है. अब इलेक्ट्रिक मशीन द्वारा यह काम होता है. ग्राहक अपनी पसंद का डिजाइन चुनकर बहुत कम समय में टैटू बनवा सकता है.

यह एक महंगा शौक है. एक इंच का टैटू बनवाने में एक हजार का खर्च आ जाता है. बडे आकार के डिजाइन हजारों में बनते हैं. समय भी कम नहीं लगता. एक इंच को आकार देने में आधा घंटा खर्च हो जाता है. बाद में भी 3-4 दिन उसकी खासी देखभाल करनी पड़ती है.

टैटू बनाने वाली स्याही या नीडल्स जरा सी भी संक्रमित हुई तो हेपेटाइटिस बी, सिफलिस, हरपीज, स्किन एलर्जी से लेकर एड्स जैसी खतरनाक बीमारी तक हो सकती है. पहले व्यक्ति के संक्रमित रक्त या बॉडी फ्लूइड से दूसरे व्यक्ति में इंफेक्शन हो सकता है.

फैशन जरूर करें अगर शौक है, लेकिन इसके लिए अपने को मुसीबत में न डालें. जोश में होश भी रखें. सबसे पहले तो स्टूडियो की रेपुटेशन के बारे में जानकारी लेकर ही वहां जाएं. देखें कि स्टूडियो साफ हवा और रोशनी वाला हो. बनाने वाला आर्टिस्ट किसी तरह के चर्मरोग से पीड़ित न हो. उसने हाइजीन का खासतौर से ध्यान रखा हो. डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनकर ही वह अपना काम कर रहा हो.

मन भर गया, शौक पूरा हो गया तो आप आंशिक या पूरी तरह से टैटू मिटवा भी सकते हैं मगर दर्द और खर्च तो बनवाने से भी ज्यादा सहना पड़ेगा. टैटू बड़ा होने की सूरत में स्किन ग्राफ्टिंग के द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया जा सकता है. सबसे बढ़िया बात तो यह है कि इन सब झंझटों में न पड़कर अस्थाई टैटू से काम चलाएं. शौक भी पूरा हो जाएगा. दर्द भी नहीं होगा और खर्च भी कम होगा. ये टैटू पानी से चिपकाए जा सकते हैं और क्रीम से हटाए जा सकते हैं. ये कुछ हफ्तों तक आराम से चल जाते हैं. तब तक हो सकता है आपका मन भी उससे भर जाए. फिर जब चाहे दूसरा बदल के लगा लें. यह स्थायी टैटू का अच्छा विकल्प है.

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