नई दिल्ली : दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होने सपा के कई नेताओं पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। गुस्से से भरके इस खत में सपा, आजम खान व पार्टी के कई नेताओं पर भड़ास निकाली गई है। बुखारी ने सताधारी समाजवादी पार्टी से कहा है कि उतर प्रदेश में उन्होने मुस्लिमों के वोटो से ही सरकार बनाया है और अब वो उन्ही को भूल गए है। बुखारी ने कहा कि पार्टी वो सारे वादे भूल गई है जो चुनाव के दौरान किए थे और इस सारे इल्जामों का ठीकरा आजम खान के सिर फोड़ा गया है।
वो बोले कि मुसलमानों के सारे काम अहंकारी मंत्री की वजह से रुक रहे है, इसलिए उन्हें पार्टी से निकाला जाए। बुखारी ने बिना आजम का नाम लिए ही कहा कि 2012 के विधानसभा चुनाव में जान व माल की सलामती, शिक्षा, रोजगार, आरक्षण और जिंदगी के हर विभाग में जनसंख्या के हिसाब से मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देने के लिए कई वादे किए गए थे। पर सारे धरे के धरे रह गए। इन सबके लिए एक अहंकारी मुस्लिम मंत्री जिम्मेदार है। बुखारी का कहना है कि इन्ही कारणों से मुसलमान पार्टी से अलग हो रहे है और इसकी एक झलक पंटायत चुनाव में दिखा दी गई है।
बुखारी ने एक और मुस्लिम महिला नेता और सांसद पर वार करते हुए कहा कि सपा में अब केवल सफाई करने वाले और विकलांग लोग ही बचे है। ये लोग मुसलमान के नाम पर धब्बा है। हिंदुओं को भी खत में शामिल करते हुए बुखारी ने लिखा है कि अहंकारियों ने ही हिंदु और मुस्लिम दोनो को अपना निशाना बनाया है। कहा जा रहा है कि बुखारी की इस नाराजगी का कारण उनके दामाद को मंत्री न बनाया जाना है। 2012 के चुनाव में बुखारी ने खुद सबसे सपा को वोट देने की अपील की थी, इसके एवज में उन्होने अपने दामाद उमर को विधान परिषद् का सदस्य बनवाया था। पर मंत्री बनाने की कोशिश पर पानी फिर गया।