नई दिल्ली: ललित मोदी विवाद में सुषमा स्वराज ने पहली बार सफाई देने की की कोशिश की लेकिन अपोजिशन पार्टी ने उन्हें अपनी बात पूरी नही करने दी. संसद में पिछले कुछ दिनों से टकराव की स्थिति चल रही है. सोमवार को भी विवादों ने ख़त्म होने का नाम नही लिया. मानसून सत्र प्रारम्भ होने के 2 सप्ताह बाद पहली बार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ललित मोदी विवाद पर सफाई देने का प्रयास किया लेकिन विपक्ष ने उन्हें अपनी बात ख़त्म नही करने दी. सुषमा ने हंगामे के बीच अपना पक्ष रखते हुए कहा मैंने कभी भी ललित मोदी के लिए किसी भी सरकार से रिक्वेस्ट नहीं की. मैं बात करने के लिए आज और इसी समय तैयार हूं.
2 सप्ताह से हंगामा हो रहा है . मैं 2 हफ्ते से संसद आ रही हूं. जिस प्रमाण के आधार पर नोटिस थमाया गया है, वह निराधार है. हंगामे के कारण सुषमा अपनी बात पूरी नहीं कर सकीं और राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए निरस्त हो गई.
वही लोकसभा में भी कांग्रेस सांसदों ने काली पट्टी बांध जम कर हंगामा किया . स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए निरस्त कर दी. बीते 21 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की प्रारम्भ हुआ लेकिन अब तक एक दिन भी कामकाज नहीं हो सका है.
ललितगेट, व्यापमं जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष, खासकर कांग्रेस की ओर से सरकार पर निशाना साधा जा रहा है . संसद में अभी तक सिर्फ व्यापमं और 'ललितगेट' मामले में सुषमा, शिवराज और वसुंधरा के इस्तीफे की मांग ने जोर पकड़ा हुआ है जबकि सरकार ने साफ कर दिया है की सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे में से कोई भी इस्तीफा नहीं देगा.