शीर्ष अदालत  कानून के खिलाफ नहीं -SC
शीर्ष अदालत कानून के खिलाफ नहीं -SC
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नई दिल्ली : सरकार के अटार्नी जनरल के आग्रह को स्वीकारते हुए देश की शीर्ष अदालत ने आज एससी /एसटी एक्ट में उसके द्वारा किये गए संशोधन पर केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई खुली अदालत में आज ही करने को तैयार हो गया. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो कानून के खिलाफ नहीं है, लेकिन निर्दोष लोगों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने मांग की थी कि इस मामले की तत्काल सुनवाई होनी चाहिए, क्योंकि भारत बंद के दौरान हिंसा में करोड़ों की संपत्ति को नुकसान हुआ है. हालात बहुत कठिन हैं. यह एक आपातकालीन स्थिति है.मामले की गंभीरता को समझते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोपहर 2 बजे सुनवाई का वक्त निर्धारित किया.सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो कानून के खिलाफ नहीं है, लेकिन निर्दोष लोगों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए. सरकार ने भी उसी दृढ़ता से हर पहलू पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमति जताते हुए पुराने कानून को जरुरी बताया. सरकार ने मौखिक दलील का वक्त देने का अनुरोध भी किया है.मामला जब सुनवाई के लिए लगेगा तो जाहिर है कि केंद्र सरकार उन सभी बिंदुओं पर दलील दी जाएगी. एससी/एसटी एक्टकानून  में बदलाव अभी जारी रहेगा 

 

बता दें कि 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर सवाल उठाते हुए तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए ऐसे मामले में अग्रिम जमानत देने का भी प्रावधान कर दिया था. जिसका दलित और आदिवासी वर्ग के साथ ही विपक्ष के अलावा राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर सरकार के अंदर भी विरोध के स्वर उभरे तो सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की. इस बीच कल सोमवार को दलितों के विरोध के कारण पूरे देश में फैली हिंसा में 11 से अधिक लोग मारे गए और लाखों की संपत्ति का नुकसान हुआ.

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