नई दिल्ली : ग्राहकों को फ्लैट सौंपने में देरी हो गई। जिसके चलते सर्वोच्च न्यायालय ने यूनिटेक पर 5 करोड़ रूपए का जुर्माना आरोपित कर दिया है। ऐसे में न्यायालय ने ग्राहकों को अंतरिम मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। न्यायालय ने बिल्डर फर्म से कहा है कि वह इस तरह का मुआवजा 12 अगस्त तक जरूर प्रदान कर दे।
मिली जानकारी के अनुसार यूनिटेक ग्रुप दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-76 में अपने ग्राहकों को बरगुंडी सोसायटी में तय सीमा पर फ्लैट उपलब्ध नहीं करवा पाई थी। ऐसे में नेशनल कंज्यूमर डिसप्यूट रिड्रेसल कमिशन ने इसके पूर्व यूनिटेक से कहा कि वे इस मामले में ग्राहकों को फ्लैट का मुआवजा प्रदान कर दें।
न्यायालय ने कहा कि उपभोक्ताओं को फ्लैट हस्तांतरित करने में काफी देर हो गई है। इस मामले में एपेक्स कोर्ट ने अपना निर्णय देकर कहा कि यदि भुगतान समय पर नहीं होता है तो फिर यूनिटेक के निदेशकों को जेल भी भेजा जा सकता है।