बाबरी विध्वंस में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, दिया 9 महीने का समय
बाबरी विध्वंस में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला, दिया 9 महीने का समय
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नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने बाबरी मस्ज़िद विध्वंस मामले में लखनऊ की निचली अदालत में भाजपा के दिग्गज नेताओं के खिलाफ चल रहे ट्रायल को नौ माह में पूरा करने के लिए कहा है. ये मुकदमा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार जैसे दिग्गज नेताओं पर चल रहा है. इसी के साथ शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश एस के यादव का कार्यकाल 6 माह के लिए बढा दिया है.

उल्लेखनीय है कि 30 सिंतबर को जज एस के यादव सेवानिवृत्त हो रहे थे. पिछली सुनवाई में निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने शीर्ष अदालत को बताया था कि मुकदमा निपटने में 6 महीने का और समय लगेगा. दरअसल, एसके यादव 30 सितम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था कि मामले में फैसला दिए जाने तक विशेष न्यायाधीश के कार्यकाल को कैसे विस्तार दिया जा सकता है.

आपको बता दें कि 19 अप्रैल 2017 को शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि भाजपा के दिग्गज नेता आडवाणी, जोशी और उमा भारती पर 1992 के सियासी दृष्टि से संवेदनशील बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश के संगीन आरोप में मुकदमा चलेगा और प्रतिदिन सुनवाई करके इसकी कार्यवाही दो वर्ष के अंदर 19 अप्रैल 2019 तक पूरी की जायेगी. 

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