किसानों की आत्महत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केंद्र को फटकार
किसानों की आत्महत्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केंद्र को फटकार
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नई दिल्ली : देशभर में किसान आत्महत्या एक गंभीर मसला बना हुआ है। जहां महाराष्ट्र में किसानों की दुर्दशा का दौर जारी है वहीं मध्यप्रदेश में भी किसानों को फसल खराबी के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। मध्यप्रदेश में भी कई किसानों ने आर्थिक बदहाली के कारण आत्महत्या की है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किसान आत्महत्या के मसले पर केंद्र सरकार से जवाब-तलब किया गया है। इस दौरान केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई गई है। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार पर 25000 रूपए का जुर्माना आरोपित किया है। 

सुप्रीम कोर्ट में यूथ कमल आॅर्गेनाईजेशन की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई की गई। जिसमें टिप्पणी करते हुए कहा गया कि न्यायालय ने 21 अगस्त को सरकार से यह कहा कि नेशनल पाॅलिसी फाॅर फाॅर्मर्स  को लेकर एक बार फिर विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि वे अपनी कार्रवाई की प्रक्रिया को 6 सप्ताह में स्पष्ट करे। मगर सरकार द्वारा 2 माह बाद भी हलफनामा दायर न करने की बात भी कही गई।

न्यायालय द्वारा इस मामले में जुर्माना आरोपित किया गया। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार को हलफनामा दायर करने को कहा है। जिसके लिए सरकार को 4 सप्ताह का समय दिया गया है। दूसरी ओर सरकार द्वारा एमएस स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के 190 बिंदुओं पर अपनी सहमति जताई गई है।

सर्वोच्च न्यायालय ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को आधार बनाते हुए कहा कि सरकार आखिर इन बिंदुओं पर अमल करने में देर क्यों कर रही है। दरअसल  कोर्टन ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा जिस तरह की पैनल बनाई गई उसकी बैठकें बीते 8 सालों में महज 5 बार ही हुई है। इस मामले में न्यायाधीशों ने कहा कि किसानों के लिए पाॅलिसी का निर्माण किए जाने पर ध्यान दिया जाए। 

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