पीड़ित महिलाओं को बयान बदलने के लिए धमका रहे TMC के गुंडे ! अब संदेशखाली में खुद कैंप लगाएगी CBI, तैनात होगा केंद्रीय बल
पीड़ित महिलाओं को बयान बदलने के लिए धमका रहे TMC के गुंडे ! अब संदेशखाली में खुद कैंप लगाएगी CBI, तैनात होगा केंद्रीय बल
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कोलकाता: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने चुनाव बाद हिंसा में संलिप्तता को लेकर पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में दो तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेताओं के आवासों पर छापेमारी की। इसके अतिरिक्त, जांच एजेंसी द्वारा भूमि कब्जा और यौन उत्पीड़न मामलों से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए संदेशखाली में एक अस्थायी शिविर स्थापित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य जांच अधिकारियों और शिकायतकर्ताओं के बीच सीधी बातचीत की सुविधा प्रदान करना है, जिससे पीड़ितों को अपनी चिंताओं को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने की अनुमति मिल सके।

 

दरअसल, एक रिपोर्ट में संदेशखाली की महिला अन्वेषा मंडल ने दावा किया था कि, ''सत्ताधारी TMC के धमकी दी है कि यदि वो संदेशखाली के अपराधियों को बचाने के लिए उनके पक्ष में गवाही नहीं देंगी, तो जान से मार डालेंगे।” अन्वेषा ने एक वीडियो में बताया था कि, TMC द्वारा उनपर दबाव डाला जा रहा है कि, वो TMC नेताओं (शेख शाहजहां) पर लगे आरोपों को लेकर कोर्ट में बयान नहीं दें। पीड़िता ने वीडियो में ये भी बताया है कि, TMC के गुंडों ने उनके हाथ-पैर बांधकर उन्हें तालाब में फेंक दिया था, लेकिन उनके (आरोपियों के) जाने के बाद ग्रामीणों ने उन्हें बचा लिया। इसलिए अब पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए धमखली बाजार क्षेत्र में स्थित संदेशखाली में अस्थायी शिविर की सुरक्षा केंद्रीय बल के जवानों द्वारा की जाएगी। 

संदेशखाली घटना से जुड़े विभिन्न मामलों की जांच के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश के बाद CBI की टीम कैंप लगाने के लिए पहले ही पहुंच चुकी है। इसके साथ ही, CBI की एक अन्य टीम 2021 के चुनावों के बाद क्षेत्र में हुई चुनाव बाद हिंसा से संबंधित पूर्वी मिदनापुर में TMC नेताओं नंददुलाल मैती और देबब्रत पांडा के आवासों पर छापेमारी कर रही है। यह विशेष मामला हिंसा के दौरान धनंजय नामक व्यक्ति की मौत के इर्द-गिर्द घूमता है।

क्या है संदेशखाली विवाद  ?

बता दें कि, संदेशखाली इलाके में सैकड़ों कि तादाद में महिलाएं, फरार TMC नेता शाहजहां शेख के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं थी। उनका कहना है कि शाहजहां शेख और उसके गुंडे उनका यौन शोषण करते हैं, घरों से महिलाओं को उठा ले जाते हैं और मन भरने पर छोड़ जाते हैं। महिलाओं का कहना है कि, यहाँ रेप और गैंगरेप आम बात है। TMC के गुंडे अपनी महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते, उन्हें अकेले मीटिंग में बुलाते हैं, धमकी देते हैं कि नहीं आई तो तुम्हारे पति को मार डालेंगे। प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं का कहना है कि, उन्हें (TMC के गुंडों को) जो भी महिला पसंद आ गई, उसे वो घर से उठा ले जाते हैं और रात भर भोगकर, सुबह घर भेज देते हैं। पश्चिम बंगाल की पुलिस TMC के गुंडों की ढाल बन जाती और पीड़ितों को ही दबाती है। 

 

जब शाहजहां शेख के फरार होने के बाद ये महिलाएं आवाज़ उठाने लगी हैं तो बंगाल पुलिस ने इलाके में धारा 144 लगा दी थी। मीडिया को वहां जाने नहीं दिया जा रहा था। यहाँ तक कि, गवर्नर जब उन पीड़ित महिलाओं से मिलने जा रहे थे, तो TMC वर्कर्स ने केंद्र सरकार के विरोध के नाम पर उनका काफिला भी रोक दिया गया था।  

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