सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन अवैध रैकेट मामले में केंद्र सरकार से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन अवैध रैकेट मामले में केंद्र सरकार से मांगा जवाब
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सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स की आड़ में चलाए जा रहे जिस्म फरोशी के धंधे (सेक्स रेकेट) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने के लिए शुक्रवार को तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को कटघरे में खड़ा किया गया है. इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट की सोशल जस्टिस बेंच ने केंद्र सरकार को ऑनलाइन चलाए जा रहे चाइल्ड सेक्स रैकेट की जांच करके रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

कोर्ट को जानकारी दी गई थी कि तक़रीबन 3000 प्रोफाइल (बाल यौन उत्पीड़क) फेसबुक पर बच्चों की अश्लील तस्वीरें साझा करके उन पर दूसरों की राय मांगते हैं. बता दे कि इनमें नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें भी शामिल हैं, जिन्हें काफी तेजी से शेयर किया जा रहा है. बलात्कार और उत्पीड़न के खिलाफ ShameTheRapistCampaign चलाने वाली एक समाजसेविका सुनीता कृष्णन ने कोर्ट में यह याचिका दायर कि थी. कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देश पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 4 मासूमो को आज़ाद भी कराया था.

जानकारी दे कि सुनीता ने अपनी शिकायत में सोशल साइट फेसबुक को भी कटघरे में खड़ा किया है. हालांकि कोर्ट का कहना है कि केंद्र सरकार की रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में किसी फैसले पर पंहुचा जाएगा कि फेसबुक को आरोपी बनाया जाए या नहीं. इस मामले में केंद्र को 8 जनवरी तक जवाब तलब करना है.

कोर्ट ने CBI को दिया जांच के निर्देश

इंटरनेट पर सामूहिक दुष्कर्म और शोषण के वीडियो प्रकार तेजी से वायरल हो रहे हैं उसके खिलाफ की गई शिकायत में कोर्ट ने CBI को जांच के निर्देश दिए है साथ ही गृहमंत्रालय को भी आदेश दिया गया है की याचिका में शिकायत के लिए जिस स्थाई मैकनिज्म की मांग की गई है, उसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं.

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