Jul 04 2016 12:35 PM
बीजिंग : चीन ने भारत की न्यूक्लियर्स सप्लायर्स ग्रुप में एंट्री का पुरजोर विरोध किया, भारत के इन आरोपों पर चीन का कहना है कि भारत अब भी 1962 में हुए युद्ध की मानसिकता से बाहर नहीं निकला है। भारत ने चीन के विरोध पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। इस पर चीनी समाचार पत्र ने उपरोक्त बातें कही है।
ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया है कि बीजिंग के रुख का अधित तथ्यपरक मूल्यांकन किया जाना चाहिए। चीनी मीडिया का कहना है कि ऐसा मालूम होता है कि एनएसजी में भारत को प्रवेश न मिलने के बाद सियोल में हुई बैठक में जो परिणाम आए उसके परिणामों को अपनाना भारतीयों के लिए मुश्किल हो रहा है।
चीन, भारत को सहयोग के लिए पुराने रुख़ को त्याग देना चाहिए नाम से प्रकाशित हुए लेख में कहा गया है कि कई भारतीय मीडिया संस्थान इस असफलता का ठिकरा चीन पर मढ़ रहे है। उनका आरोप है कि ये चीन और उसके समर्थक पाकिस्तान की करनी है। कई लोग तो चीन और चीनी उत्पाद का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए है। कई समीक्षकों का कहना है कि इससे भारत-चीन के रिश्तों पर गहरा असर पड़ सकता है।
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