प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी :ध्वनि तरंगें और उसकी आवृत्ति‍ परिसर से जुड़े तथ्य
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी :ध्वनि तरंगें और उसकी आवृत्ति‍ परिसर से जुड़े तथ्य
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ध्वनि तरंग क्या है, इसको जानने के लिए जानें पराश्रव्य तरंगे, तरंगों की आवृति से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
ध्वनि तरंग (sound waves)
1. ध्वनि तरंग अनुदैधर्य यांत्रिक तरंगें होती हैं. 
2. जिन यांत्रिक तरंगों की आवृत्ति 20Hz से 2000Hz के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों के द्वारा होती है, और इन्हें हम ध्वनि के नाम से पुकारते हैं.

ध्वनि तरंगों का आवृत्ति परिसर:
(i) अवश्रव्य तरंगें (infrasonic waves) : 20Hz से नीचे से आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को अवश्रव्य तरंगें कहते हैं. इसे हमारा कान नहीं सुन सकता है. इस प्रकार की तरंगो को बहुत बड़े आकर के स्रोत्रों से उत्पन्न किया जा सकता  है.
(ii) श्रव्य तरंगें (audible waves): 20Hz से 2000Hz के बीच की आवृत्ति वाली तरंगों को श्रव्य तरंगें कहते हैं. इन तरंगों को हमारा कान सुन सकता है.
(iii) पराश्रव्य तरंगें (ultrasonic waves): 2000Hz से ऊपर की तरंगों को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है. मुनष्य के कान इसे नहीं सुन सकता है. परंतु कुछ जानवर जैसे :- कुत्ता,बिल्ली,चमगादड़ आदि, इसे सुन सकते है. इन तरंगों को गाल्टन की सीटी के द्वारा तथा दाब वैद्युत प्रभाव की विधि द्वारा क्वार्ट्ज के क्रिस्टल के कंपन्नों से उत्पन्न करते है. इन तरंगो की आवृत्ति बहुत ऊंची होने के कारण इसमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है. साथ ही इनका तरंगदैधर्य छोटी होने के कारण इन्हें एक पतले किरण पुंज के रूप में बहुत दूर तक भेजा जा सकता है.

3. पराश्रव्य तरंगें के उपयोग:
(i) संकेत भेजने में 
(ii) समुद्र की गहराई का पता लगाने में
(iii) कीमती कपड़ो वायुयान तथा घड़ियों के पुर्जो को साफ़ करने में 
(iv) कल-कारखानों की चिमनियों से कालिख हटाने में
(v) दूध के अंदर के हानिकारक जीवाणुओं की नष्ट में 
(vi) गठिया रोग के उपचार एवं मष्तिष्क के ट्यूमर का पता लगाने में

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