निकली एक ही घर से दो अर्थियां, बेटे की बीमारी सह न पाई मां
निकली एक ही घर से दो अर्थियां, बेटे की बीमारी सह न पाई मां
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कानपुर : मां के लिए उसकी संतान बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। मां अपनी संतान को पालने और उसे अपने साथ रखने के लिए कई जतन करती है यही नहीं मां के लिए उसकी संतानें किसी भी बहुमूल्य वस्तुओं से भी अधिक महत्व रखती हैं। ऐसा ही उदाहरण कानपुर मे देखने को मिला। दरअसल कानपुर के बर्रा विश्वबैंक के एच ब्लाॅक में कैंसर से पीडि़त पुत्र को खून की उल्टियां हुईं।

तो उसकी मां से रहा न गया। मां को सदमा लग गया। ऐसे में मां की जान चली गई। इसी के करीब 2 घंटे बाद पुत्र ने भी दम तोड़ दिया। एक ही घर से दो अर्थियां निकलती देख वहां रहने वालों की आंखें भी भीग गईं। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अंतिम संस्कार के लिए अन्य रिश्तेदार भी आ गए।

दरअसल मृतक मनोज 39 वर्ष एक आॅटो चालक था। उसे करीब 4 वर्ष से मुख का कैंसर था। उसके परिवार में पत्नी आराधना, बेटियां मानसी, प्रियांशी, साक्षी, आस्था, अदिति, गायत्री हैं। दरअसल मनोज कैंसर से लड़ रहा था। उसका उपचार चल रहा था। इसी दौरान शनिवार को मनोज को खून की उल्टियां हो गईं। रिश्तेदारों की सहायता से पति को चिकित्सालय लाया गया।

मगर देर रात्रि में ही मनोज को घर लाया गया। घर लाने के थोड़ी देर बाद फिर से मनोज को उल्टियां होने लगीं। मनोज को उल्टियां करते देख उसकी मां गायत्री देवी डर गईं वे उपर के कमरे में चली गईं। जब मनोज की बेटी मानसी अपनी दादी को देखने के लिए उपर गई तो गायत्री मृत मिली।

करीब 4 बजे मनोज ने भी तम तोड़ दिया। कलेक्टर ने रेड क्राॅस कोष से मनोज दीक्षित के परिवार का 50 हजार रूपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। मनोज की मृत्यु के बाद उसे मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष और  उसकी पत्नी को विधवा पेंशन का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। 

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