जब भी हमे नींद ऑटो है हम बस बिस्तर पर जाते से सौ जाते है. यह भी नहीं देखते कि हम सही तरीके से सोये है या गलत तरीके से. क्या आपने कभी सोने के सही तरीके को जानने की कोशिश की है? एक शोध के मुताबिक जो लोग पेट के बल सोते हैं उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
शोध में कहा गया है कि पेट के बल सोने वाले मिर्गी से ग्रस्त मरीजों में आकस्मिक मौत का खतरा ज्यादा होता है. यह ठीक उसी तरह है जैसे यह शिशुओं की आकस्मिक मृत्यु. अनियंत्रित मिर्गी में मौत का मुख्य कारण आकस्मिक मृत्यु है और आमतौर पर यह सोने के दौरान ही होती है. इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 25 अध्ययनों की समीक्षा की, जिसमें शामिल 253 आकस्मिक मृत्यु के मामलों में लोगों की शारीरिक स्थिति को दर्ज किया गया.
दरअसल मिर्गी मस्तिष्क संबंधी बीमारी है, जिसमें मरीज को बार-बार दौरे पड़ते हैं. विश्व भर में लगभग पांच करोड़ लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. इस अध्ययन के मुताबिक पेट के बल सोने की स्थिति के मामलों में 73 प्रतिशत लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 प्रतिशत लोगों के सोने की स्थिति अलग थी. शिशुओं के मामलों की तरह ही वयस्कों में अक्सर दौरे के बाद जागने की क्षमता नहीं होती.