मुंबई : पिछले सप्ताह में वित मंत्री अरुण जेटली ने अपने बयान में कहा था कि विरोध का तरीका शांतिपूर्ण हो। ऐसे में शिवसेना ने उन्हे जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान के हमले से निरपराध लोगो के खून से हमारी धरती लाल हो और हम चुप रहे,। यह नामर्दानगी शिवसेना में नही है। शिवाजी महाराज और हिंदुत्व का समर्थन करने वाली शिवसेना को कोई सहिष्णुता का पाठ न पढ़ाए।
किस बात पर बोले,
बता दें कि बीते दिनों शिवसेना ने गजल गायक की कंसर्ट का विरोध, भाजपा नेता सुधींद्र कुलकर्णी पर पाकिस्तानी लेखक कसूरी की किताब के विमोचन पर कालिख पोतना और बीसीसीआई के दफ्तर में भारत-पाक मैच के विरोध में हंगामा किया था।
शिवसेना के ये शब्द सामना में प्रकाशित हुए है। इसके अलावा सामना ने यह भी लिखा कि सत्ता बदली तो क्या लोगो का विकास हुआ। गौ माता के नाम पर हिंसा हो रही है। मुंबई में शाकाहारों के खान-पान पर प्रतिबंध लगाया उससे भी शिवसेना ही निपटी। गौरतलब है कि बीते दिनों महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में जैनों के पर्युषण पर्व को ध्यान में रखते हुए मीट की बिक्री पर रोक लगाया था। साथ ही यह भी कहा कि महाराष्ट्र की अस्मिता के दुश्मनों को कभी माफ नहीं करेगी और राष्ट्रहित से कभी समझौता नहीं करेगी। शिवसेना ने अपने हथियारों को न कभी झाड़ पर लटकाया और न ही जंग लगने दी।
श्रीनगर में बीते दिनों हुए देश विरोधी घटनाओं का जिक्र करते हुए लिखा कि भाजपा-पीडीपी वाले कश्मीर में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लग रहे है। आग लगाने वाली आइएस के झंडे तक लहरा रहे हैं। हिंदुओं को मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान हमारे जवान मारे उनका खून बहाए। इसे रोकने में सत्ताधारियों को शिवसेना की मदद करनी चाहिए न कि सत्ता के मोह में विरोध करना चाहिए। बता दें कि बारामती पहुंच कर जेटली ने वहां के विकास की तारीफ करते हुए कहा था कि ऐसी सौ बारामती हो तो देश के विकास में मदद मिलेगी।