मुंबई: सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी की सहयोगी शिवसेना ने बीते गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना की है। जी दरअसल ममता बनर्जी ने भारत सहित अन्य देशों को हिलाकर रख देने वाले पेगासस स्नूपगेट की जांच के लिए एक आयोग का गठन कर दिया है। इसी को देखते हुए अब हर तरफ ममता बनर्जी के काम की चर्चा हो रही है। आप सभी को बता दें कि स्पाईगेट घोटाले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति की विपक्ष की मांग पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना करते हुए, शिवसेना ने ममता बनर्जी के कदम को सही ठहराया है।
शिवसेना ने अखबार सामना में लिखा है कि, 'मंत्रियों, विपक्ष, न्यायपालिका, पत्रकारों, वकीलों अन्य नागरिकों के निजी जीवन पर नजर रखना एक बेशर्म कदम है।' इसी के साथ संपादकीय में यह भी लिखा गया है कि, ''यह पूरा मामला देश की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है, क्योंकि आईबी, रॉ, सीबीआई, ईडी, एनसीबी, सीबीडीसी, आदि जैसे कुछ मुट्ठी भर संगठन ही इस तरह के कृत्यों में शामिल हैं। अब, अगर पेगासस जैसी इजरायली एजेंसी इस परिदृश्य में प्रवेश करती है, तो यह देश की सुरक्षा को कमजोर कर सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्र इसे राष्ट्रीय आश्रय दे रहा है। देश सच्चाई जानने का हकदार है।''
इसके अलावा शिवसेना ने लिखा है, 'उम्मीद थी कि केंद्र कड़ी कार्रवाई करेगा एक जांच आयोग का गठन करेगा, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया है। संयोग से, अभी दो दिन पहले, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले पार्टी सांसद सुरेश बालूभाऊ धनोरकर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से स्पाईवेयर घोटाले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों का एक आयोग गठित करने की जोरदार मांग की थी।' केवल यही नहीं बल्कि संपादकीय में यह भी इशारा किया गया कि फ्रांस जैसे अन्य देशों ने भी पेगासस घोटाले की जांच की घोषणा की है, लेकिन फिर भी भारत सरकार इस मामले को गंभीर नहीं मानती है - यह थोड़ा रहस्यमय लगता है।
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