नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने संसद में जारी गतिरोध को लेकर अपना विरोध जताया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तरह की बातों के लिए जिम्मेदार नहीं कही जा सकती है। उनका कहना था कि संसद को बिना परेशानी के चलाने के लिए सरकार भी जिम्मेदारी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह कांग्रेस की चिंताओं को गंभीरता से ले। दिल्ली में ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद शशि थरूर द्वारा कहा गया कि सरकार विपक्षी दलों से रचनात्मक तरह से संवाद कर तो उसके जवाब भी रचनात्मक ही होंगे।
कांग्रेस द्वारा सरकार के विरूद्ध कड़ा रूख अख्तियार कर रखा है। जिससे सदन की कार्रवाई बिना मुश्किल के चल पाए। सांसद थरूर ने कहा कि सदन में तीन निजी विधयेक पेश करेंगे, जिसमें समलैंगिकता को अपराध न मानने के लिए आईपीसी की धारा 377 में संशोधन के प्रावधान की बात कही गई है। भारत में शरण मांगने वाले विदेशी नागरिकों के अधिकारों का भी इसमें प्रावधान किए जाने की बात शामिल होगी।
उन्होंने कहा कि आईपीसी 124 - 4 संशोधन किए जाने का प्रावधान लाया जाएगा। इस प्रावधान के आते ही देशद्रोह जैसे शब्दों का गलत उपयोग न हो सके यह ध्यान रखना होगा। उनका कहना था कि किसी भी तरह की कार्रवाई में राजनीतिक जिम्मेदारी केवल विपक्षी पार्टी या फिर सदन बाधित कर रही पार्टियों पर नहीं डाली जाना चाहिए। शशि थरूर ने कहा कि संसद को चलाने के लिए सभी की राजनीतिक जवाबदेही है।