सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'पैर पकड़कर मांफी मांगो तो कम हो सकती है सजा'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'पैर पकड़कर मांफी मांगो तो कम हो सकती है सजा'
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नई दिल्ली : बेडरूम में घुसकर महिला का हाथ पकड़ने वाले व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने अब पीड़िता के पैर पड़ने को कहा. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी से कहा कि अगर वह पीड़िता के पैर पकड़कर मांफी मांगे तो उसकी सजा 5 साल से घटाकर एक साल की जा सकती है. यह मामला आज से करीब 10 साल पहले का है.

क्या है मामला?

घटना सिकंदराबाद के काविगुडा इलाके के भाग्यालक्ष्मीनगर कि है यहाँ रहने वाले आरोपी ने अपने पड़ोस में ही रहने वाली लड़की के घर में घुसकर उसका हाथ पकड़ लिया. आरोपी पीड़िता का कोचिंग क्लासेज तक पीछा भी करता था. इसके बारे में लड़की ने अपने घरवालों को बताया था. इसके बाद उसे लड़की का पीछा न करने की चेतावनी दी थी, लेकिन एक तरफा प्यार में पागल आरोपी नहीं माना और लड़की का पीछा करता रहा.

30 जनवरी 2005 को हद तो तब हो गई जब आरोपी लड़की के बेडरूम में घुस गया. लड़के को रूम में देखते ही लड़की बाहर भागने लगी, लेकिन आरोपी ने पीड़िता का हाथ पकड़ लिया और कहा कि मुझसे शादी कर लो. इस दौरान लड़की को चोट भी आई. लड़की ने इसकी शिकायत पुलिस में की. लड़की ने उस पर बेडरूम में घुसने और जबरन शादी के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया था. जिसके बाद कोर्ट ने लड़की के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में आरोपी को 5 पांच साल की सजा और 1000 रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया था.

निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट ने भी अपना रुख सख्त रखा था. हाईकोर्ट ने सजा बरकरार रखते हुए सजा को पांच साल से घटा कर दो साल कर दिया था. इसके खिलाफ भी आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील किया था.

सोमवार को जस्टिस टीएस ठाकुर और वी गोपाला गौड़ा ने आरोपी के वकील से कहा कि सजा से बचने का कोई उपाय नहीं है. सबूत, स्टेटमेंट और निचली तथा हाईकोर्ट की सुनवाई में जो मिला है वो सब आरोपी के खिलाफ है. बेंच ने कहा कि वे सजा को एक साल कम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आरोपी को पीड़िता के पैरों में गिर कर मांफी मांगनी होगी. कोर्ट ने कहा कि अगर पीड़िता और आरोपी में समझौता हो जाता है तो सजा कम की जा सकती है. कोर्ट ने आरोपी को 6 अक्टूबर तक माफी मांगने को कहा है.

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