नईदिल्ली। नेस्ले इंडिया को अपने उत्पाद मैगी के लिए सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिल गई है। दरअसल मैगी के 550 टन स्टाॅक को नष्ट करने के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ा दिया है। अब इस मामले की सुनवाई 30 सितंबर को होगी। दरअसल नेस्ले इंडिया ने मैगी के सेंपल खराब पाए जाने और बाजार में इस पर प्रतिबंध लगाने के बाद अपने 38000 स्टाॅक को नष्ट कर दिया था।
इसके बाद मैगी के कुछ स्टाॅक शेष थे। जिसे नष्ट करने के लिए मैगी ने सर्वोच्च न्यायालय से अनुमति मांगी थी। कंपनी ने इस मामले में कहा कि स्टाॅक की अवधि पूरी हो गई है। ऐसे में कंपनी स्टाॅक को नष्ट करना चाहती है। उल्लेखनीय है कि मैगी के कुछ पैकेट्स में तय मानक सही नहीं पाए गए थे। इन अमानक पैकेट्स के पाए जाने के बाद सेंपल लेकर मैगी की जांच की गई थी। जिसमें मैगी अमानक स्तर पर पाई गई थी।
इसमें लेड आदि तत्व तय मात्रा से अधिक पाए जाने की रिपोर्ट एफएसएसएआई को परीक्षण लैब ने कथित तौर पर दी थी। जिसके बाद देशभर के विभिन्न राज्यों ने मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में नेस्ले इंडिया ने मुंबई उच्च न्यायालय में वाद दायर कर मैगी की बिक्री की अनुमति प्राप्त कर ली थी। नेस्ले इंडिया ने एफएसएसएआई को तय पैनल्टी चुका दी थी और फिर मैगी का विक्रय बाजार में प्रारंभ हो गया था।