तेहरान : मुसलमानों के लिए हज यात्रा का काफी महत्व है। उनके लिए यह उनके खुदा से मिलने का जरिया है। लेकिन ईरान का कहना है कि सउदी अरब हज यात्रा के राह में आ रहा है। इसलिए ईरानी नागरिक हज यात्रा से वंचित रह जाएंगे। ईरान का आरोप है कि सउदी अरब अल्लाह तक जाने वाली राह में बाधा उत्पन्न कर रहा है।
बता दें कि सउदी अरब इस पवित्र स्थल का संरक्षक है। सउदी अरब का कहना है कि ईरान हज को लेकर जो मांग कर रहा है, वो अस्वीकार्य है। ईरानी हज संगठन का कहना है कि सऊदी अरब हज जाने के ईरानियों के पूर्ण अधिकार का विरोध कर रहा है और अल्लाह के पास जाने का रास्ता बाधित कर रहा है।
संगठन ने कहा कि सऊदी अरब मक्का में ईरानी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सम्मान की उसकी मांगों का जवाब देने में नाकाम रहा है जिनमें से 60,000 लोग पिछले साल हज पर गए थे। ईरान के संस्कृति मंत्री अली जन्नती ने बताया कि क्षेत्रीय प्रतिद्धंद्धियों तेहरान औऱ रियाद के बीच विवाद के बाद ईरानी हज यात्री सितंबर में होने वाले हज यात्रा में नहीं जा सकेंगे।
इस मामले में रियाद के हज मंत्रालय का कहना है कि उन्होने ईरानियों की कई मांगो को पूरा करने के लिए कई समाधान की पेशकश की थी। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वीजा समेत कई मामलों पर सहमति भी बनी थी। रविवार को जेद्दा में ब्रिटेन के आगंतुक विदेश मंत्री फिलिप हामोंड के साथ सऊदी विदेश मंत्री अब्देल अल जुबेर ने एक संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में ईरान की मांगों की निंदा की।
जुबेर ने कहा कि ईरान प्रदर्शन करने की मांग कर रहा है। इससे हज के दौरान अव्यवस्था फैल जाएगी। बीते तीन दशकों में यह पहला मौका है, जब ईरान के लोग हज यात्रा पर नहीं जा सकेंगे। सउदी अरब में एक प्रमुख धर्मगुरु को मौत की सजा दिए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध खत्म हो गए थे।