Oct 26 2016 10:57 PM
सत्तु अक्सर सात प्रकार के धान्य मिलाकर बनाया जाता है .ये है मक्का , जौ , चना , अरहर ,मटर , खेसरी और कुलथा .इन्हें भुन कर पीससत्तू का सेवन गले के रोग, उल्टी, आंखों के रोग, भूख, प्यास और कई अन्य रोगों में फायदेमंद होता है. इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि पाया जाता है. यह शरीर को ठंडक पहुंचाता है. लिया जाता है
1-यदि आप चने के सत्तू को पानी, काला नमक और नींबू के साथ घोलकर पीते हैं, तो यह आपके पाचनतंत्र के लिए फायदेमंद होता है .
2-चने के सत्तू में चौथाई भाग जौ का सत्तू जरूर मिलाना चाहिए. चने के सत्तू का सेवन चीनी और घी के साथ करना फायदेमंद होता है. इसे खाने से लू नहीं लगती
3-सत्तु के सेवन से ज़्यादा तैलीय खाना खाने से होने वाली तालीफ़ ख़त्म हो जाती है और तेल निकल जाता है .इसमें बहुत पोषण होता है इसलिए बढ़ते बच्चों को ज़रूर दे.
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