समाज सुधारक व लेखक संतराम बी. ए. को श्रद्धांजलि
समाज सुधारक व लेखक संतराम बी. ए. को श्रद्धांजलि
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संतराम बी. ए. जन्म:1886 पंजाब में होशियारपुर के बस्ती गाँव में 1886 ई. में हुआ था. संतराम की आरम्भिक शिक्षा बजवाड़ा के हाई स्कूल में हुई थी. 1909 ई. में उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से बी. ए. की परीक्षा पास की. तभी से वे संतराम बी. ए. के नाम से मशहूर हुए.

संतराम बी. ए देश में फैली जाति-पाति की प्रथा को मिटाने के लिए कुछ ठोस काम करना चाहते थे. इसी बीच उन्हें भाई परमानन्द का भाषण सुनने का अवसर मिला. उन्होंने अपने भाषण में जाति-पाति को दूर करने पर ज़ोर दिया था. संतराम की सामाजिक सेवा कार्यों के प्रति विद्यार्थी जीवन से ही रुचि थी. स्वामी दयानन्द और श्रद्धानन्द के विचारों के सम्पर्क में आने से उनको इस कार्य में और भी प्रेरणा मिली. 

संतराम बी. ए. अपने समय के प्रमुख हिन्दी गद्य लेखक थे. सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाएँ उनके निबन्धों को स्थान देती थीं. उन्होंने अपने जीवन में एक सौ से अधिक पुस्तकों की रचना की. उनकी आत्मकथा समकालीन दलित-विमर्श में विशेष रूप से प्रासंगिक हो उठी है. ‘जाति-पाति तोड़क’ पत्र के भी वे सम्पादक थे.  उन्होंने उर्दू में ‘क्रान्ति’ पत्रिका निकाली थी। इसके सिवा वह जालन्धर कन्या महाविद्यालय की मुख्य पत्रिका ‘भारतीय’ और लाहौर की ‘विश्वेश्वरानन्द वैदिक संस्थान’ की पत्रिका विश्व ज्योति’ के भी सम्पादक बने.

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