महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 1999 के एडिलेड टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलियाई स्पीडस्टार ग्लेन मैक्ग्रा से जुड़ी एक रोचक कहानी बयां की है. सचिन ने खुलासा किया है कि कैसे उन्होंने मैक्ग्रा के खिलाफ मैदान में शतरंज जैसी जंग में जीत हासिल की थी. मास्टर ब्लास्टर ने बताया कि कैसे वह जब मैक्ग्रा पूरे रंग में थे तो शांत और धैर्यवान रहे और अगली सुबह गियर बदलते हुए दबाव गेंदबाज पर ला दिया.
सचिन ने बयां किया 1999 में ग्लेन मैक्ग्रा से भिड़ंत का रोचक किस्सा: बीसीसीआई द्वारा ट्वीट एक वीडियो में सचिन ने कहा, '1999 में एडिलेड में हमारे पहले टेस्ट मैच में...पहली पारी में दिन के खेल में मुश्किल से 40 मिनट बचे होंगे. ग्लेन मैक्ग्रा आए और मुझे 5 या 6 मेडेन ओवर फेंके.' सचिन ने कहा, 'ये उनकी रणनीति थी...सचिन को हताश करते हैं. 70 फीसदी गेंदें विकेटकीपर (एडम गिलक्रिस्ट) की तरफ जानी चाहिए और 10 फीसदी बैट के करीब से. अगल ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों का पीछा करते हैं या शॉट खेलते हैं हम सफल हो गए हैं!'
Must Watch - From his daily routine to his on-field rivalries to the famous Desert Storm innings - @sachin_rt tells it all in this Lockdown Diary.
BCCI April 28, 2020
Full video https://t.co/y7cIVLxwAU #TeamIndia
सचिन ने बताया, कैसे असफल की उनके खिलाफ मैक्ग्रा की रणनीति: सचिन ने कहा, 'इसलिए मैं जितना संभव हो गेंदें छोड़ता रहा. इनमें कुछ अच्छी गेंदें भी थीं, जिन पर मैं बीट भी हुआ. लेकिन मैंने कहा, अच्छी गेंदबाजी की और अब वापस जाओ और फिर से गेंदबाजी करो क्योंकि मैं अब भी यहां हूं.' सचिन ने कहा, 'मुझे याद है कि अगली सुबह मैंने उन्हें कुछ चौके जड़े क्योंकि ये एक नया दिन था और हम दोनों एक ही स्तर पर थे. उनके पास रणनीति थी लेकिन मुझे पता था कि उनकी रणनीति मुझे हताश करने की थी.' तेंदुलकर ने कहा, 'मैंने सोचा इस शाम तो मैंने धैर्य बनाए रखा है लेकिन कल सुबह मैं वैसे ही खेलूंगा जैसे चाहता हूं. आप इस पर नियंत्रण नहीं रखेंगे कि मैं कैसे खेलना चाहता हूं बल्कि मैं नियंत्रित करूंगा कि आप कहां गेंदबाजी करेंगे.'
सचिन ने साथ ही युवा क्रिकेटरों को कोरोना लॉकडाउन के दौरान खुद को मानसिक तौर पर फिट रखने के लिए भी टिप्स दिए. कोरोना की वजह से दुनिया भर में क्रिकेट की गतिविधियां ठप हैं और सचिन ने कहा कि कई बार थोड़े समय के लिए खेल से दूर रहना भी अच्छा होता है.
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