नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ जारी सीमा तनाव पर गुरुवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में गत वर्ष हुई घटनाओं ने दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और रिश्तों को आगे तभी बढ़ाया जा सकता है, जब संबंध आपसी सम्मान, संवेदनशीलता, साझा हित जैसी परिपक्वता पर आधारित हों. जयशंकर ने आगे कहा कि भारत और चीन के रिश्ते दोराहे पर हैं और इस वक़्त चुने गए विकल्पों का न सिर्फ दोनों देशों बल्कि पूरी दुनिया पर प्रभाव पड़ेगा.
चीनी अध्ययन पर 13वें अखिल भारतीय सम्मेलन को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि, ''साल 2020 में हुई घटनाओं ने हमारे रिश्तों पर वास्तव में अप्रत्याशित दबाव बढ़ा दिया है.'' पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बारे में जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गत वर्ष हुई घटनाओं ने दोनों देशों के संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. जयशंकर ने कहा कि जो समझौते हुए हैं, उनका पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए.
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का सख्ती से पालन और सम्मान किया जाना चाहिए. विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि यथास्थिति को बदलने का कोई भी एकतरफा प्रयत्न स्वीकार्य नहीं किए जाएंगे.
आईसीसी ने की 'प्लेयर ऑफ द मंथ' अवार्ड्स की घोषणा, इस दिन किए जाएंगे वितरित
सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट, जानिए कितना हुआ सस्ता
महामारी के बाद भी बड़ी संख्या में कर्मचारी करेंगे वर्क फ्रॉम होम: डेलॉयट रिपोर्ट