क्या वाकई महागठबंधन में मतभेद की स्थिति है?
क्या वाकई महागठबंधन में मतभेद की स्थिति है?
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पटना : राष्ट्रीय जनता दल की राष्ट्रीय संसदीय दल की बैठक 10 सर्कुलर रोड पर स्थित राजद सुप्रीमो लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के घर पर आयोजित की गई, लेकिन इस बैठक से बाहर निकलते ही खुद नेताओं ने यह बता दिया कि महागठबंधन की नींव कितनी खोखली है।

कोई ढुलमुल कानून व्यवस्था को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा था, तो कोई बिहार में हो रहे अपराधों की तुलना दूसरे राज्यो में हो रहे अपराधों की संख्या से कर रहा था। सांसद मो. तस्लीमुद्दीन, पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह के निशाने पर विशेष रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे।

मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए तस्लीमुद्दीन ने कहा कि नीतीश सरकार से कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी नहीं संभल रही है, तो वो इस्तीफा दे दें। बिहार तो संभल नहीं रहा है और सीएम दूसरे राज्यों में घूमने में व्यस्त है। शहाबुद्दीन मामले को उठाते हुए उन्होने कहा कि सीवान जेल में सभी चोर-डकैत भरे हुए है।

पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह ने पत्रकार हत्या के मामले को लेकर कहा कि अगर इस मामले में शहाबुद्दीन दोषी है, उसे फांसी दी जाए, लेकिन बीजेपी के नेता सुशील मोदी को किसने जांच का अधिकार दिया है। बिना किसी जांच के किसी को दोषी बताकर उसे मानसिक रुप से टॉर्चर किया जा रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश सिंह ने तो महागठबंधन पर ही सवाल दाग दिए है। ये महागठबंधन की सरकार कहां है, इसमें तो कुछ लोग ही है। पूर्व सांसद जगदानंद सिंह ने कहा कि राज्य में गिरती कानून व्यवस्था में सुधार होना चाहिए, लेकिन मेरा मानना है कि दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार में अपराध की संख्या कम है।

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