मुंबई : अपने कमेंट से कांग्रेसियों के सीधे निशाने पर आए अभिनेता ऋषि कपूर ने अपने नाम पर शौचालय का नाम रखे जाने पर कहा है कि शुक्र है कि मैं इस काम में तो आया, लेकिन कांग्रेसी किसी काम के नहीं। इस बात से बिल्कुल भी नाराज न होते हुए ऋषि कपूर ने कहा कि चलो मेरा नाम किसी काम तो आया, ये तो प्राइम मिनिस्टर का पेट प्रोजेक्ट है।
एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि गांधी परिवार ने आपके नाम पर टॉयलेट का नाम रखा है तो इस पर ऋषि कपूर ने कहा कि इससे तो मैं बहुत खुश हूं। कम से कम मेरा नाम किसी के काम तो आया। लेकिन ये कांग्रेसी तो यूजलेस हैं। किसी काम के नहीं हैं।
मुझे फख्र है कि सुलभ शौचालय का नाम मेरे नाम पर किया गया है। आखिर ये हमारे प्राइम मिनिस्टर का पेट प्रोजेक्ट है। सच बताऊं तो ये मेरे लिए कोई मसला ही नहीं है, वो समझ ही नहीं पा रहे है कि मैंने अपने ट्वीटस में कहा क्या था। मैंने जो कहा वो राष्ट्रीय हित का मुद्दा है।
लोगों को सोचना चाहिए कि हर चीज का नाम एक ही फैमिली के लोगों के नाम पर क्यों रखा जाए। ये मेरा हक है कि मैं जो चाहता हूं वो बोल सकूं। उतर प्रदेश में कांग्रेसियों ने एक शौचालय का नाम उनके नाम पर रख दिया है। ऋषि के बयानों का विरोध जतानमे के लिए इलाहाबद में कांग्रेसियों ने टॉयलेट का नाम ऋषि कपूर रखा है।
बहादुरगंज में शिवाजी पार्क पर नगर निगम द्वारा बनाए गए सुलभ शौचालय को ऋषि कपूर का नाम दिया गया है। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि गांधी परिवार की वजह से ही आजादी के बाद देश की तरक्की हुई है। बता दें कि कुछ दिनों पहले एक ट्वीट में ऋषि कपूर ने वो अपने आपे से बाहर होते हुए कहा कि बाप का माल समझ रखा है क्या।
दरअसल ऋषि कपूर इस बात से नाराज है कि कई जगहों का नाम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर रखा जा रहा है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एसेट्स का नाम गांधी फैमिली पर किया है, इसे बदला जाना चाहिए। बांद्रा/वर्ली सी-लिंक का नाम लता मंगेशकर या जेआरडी टाटा लिंक रोड किया जाना चाहिए।
बाप का माल समझ रखा था? अपने एक अन्य ट्वीट में ऋषि कपूर ने कहा कि दिल्ली में सड़कों के नाम बदले जा सकते है, तो फिर कांग्रेस के एसेट्स और प्रॉपर्टी के नाम क्यों नहीं बदले जा सकते है। चंडीगढ़ में भी राजीव गांधी के नाम पर एसेट्स? सोचो? क्यों?
हमें देश के खास जगहों के नाम उन लोगों के नाम पर रखने चाहिए, जिन्होंने सोसाइटी को कुछ दिया हो। हर चीज गांधी के नाम पर ही क्यों? मैं इससे सहमत नहीं हूं। लोगों को सोचना चाहिए। बता दें कि राज्य विदेश मंत्री नजरल वी के सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली के अकबर रोड का नाम बदलकर महाराण प्रताप रोड रखे जाने की सिफारिश की थी।