तोरई की ऊपरी सतह खुरदरी होती है. हरी सब्जी होने के साथ-साथ तोरई की एक खासियत यह भी है कि यह आपके शरीर को कई बिमारियों से बचाकर रखती है साथ ही इसके सेवन से आप लीवर से लेकर शुगर तक जैसी कई बिमारियों से निजात पा सकते है.
मुंहासे और त्वचा के दाग- तोरई खाने से रक्त साफ होता है साथ इसके रस को चेहरे पर लगाने से चेहरे का दाग-धब्बे धीरे-धीरे कम होने लगते है. शुगर और लीवर- तोरई लीवर के लिए बेहद फायदेमंद है. इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र अच्छा बना रहता है.
इसके अलावा यह पीलिया जैसी घातक बीमारी को काटने में रामबाण साबित होता है. पीलिया से ग्रसित व्यक्ति को रात को सोते समय तोरई के फल का रस डाल दें, तो नाक से पीले रंग का द्रव बाहर निकलता है. ऐसा माना जाता है कि इससे पीलिया रोग जल्दी समाप्त हो जाता है.
आधा किलो तोरई को बारीक काटकर 2 लीटर पानी में उबालकर, इसे छान लें. उसके बाद पानी में बैंगन को पका लें. बैंगन पक जाने के बाद इसे घी में भूनकर गुड़ के साथ खाएं इससे आपको बवासीर के दर्द और मस्से से छुटकारा मिलेगा.
तोरई के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर छांव में सूखा लें. फिर इन सूखे टुकड़ों को नारियल के तेल में मिलाकर 5 दिन तक रख लें. बाद में इसे गर्म करके तेल को छानकर रोज बालों में लगाकर सिर की जड़ों में हाथ की उंगलियों से मालिश करें कुछ दिनों बाद इससे बाल काले हो जाते हैं.