पदोन्नति में आरक्षण को वैध नहीं माना जाएगाः हाई कोर्ट
पदोन्नति में आरक्षण को वैध नहीं माना जाएगाः हाई कोर्ट
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जबलपुर: मध्य प्रदेश उच्च न्यायलय ने शासकीय विभागों में पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने संबंधी प्रवधान को अवैधानिक करार दिया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि केवल नियुक्तियों को समय दिया जाने वाला आरक्षण ही वैध माना जाएगा. इस निर्णय के बाद से 2012 के बाद से पदोन्नति में हुए आरक्षण को रद्द किया जाएगा।

इस संबंध में निर्णय के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को आधार बनाया जाएगा. पिछले दिनों लंबी सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले को सुरक्षित रखा था. इसी फैसले को शनिवार को घोषित किया गया. अपने फैसले में कोर्ट ने साफ किया कि नियुक्तियों के दौरान समाज के वंचित वर्ग को नियमानुसार आरक्षण मिलना तार्किक है, लेकिन पदोन्नतियों में आरक्षण दिए जाने से वास्तविक योग्यताओं में कुंठा घर कर जाती है।

पदोन्नति प्रक्रिया में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को विशेष वरीयता और सामान्य वर्ग को पीछे रखना ठीक नहीं, इसीलिए पदोन्नति में रिजर्वेशन किसी भी कोण से न्यायोचित नहीं माना जा सकता. चीफ जस्टिस अजय माणिक राव खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा सुनाए गए इस फैसले से राज्य के लगभग 50,000 कर्मचारी प्रभावित होंगे।

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