विकलांग बच्चे को वैशाखी देने के पहले रखे इन बातों का ख्याल
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वैशाखी के उपयोग के लिए बाहें व कंधे पर्याप्त मजबूत होने चाहिए. पैर ठीक से सीधे होने चाहिए (जैसे कुल्हे, घुटने व पैर) इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि संकुचन ठीक किये जांए जिससे पैर सीधे रहें अथवा लगभग सीधे से हों, जब आप बंधनी दे द्वारा उसे चलाना चाहें बच्चे के चलने गिरने की सम्भावनाओं का मूल्याकंन करें.

हर समय उसके बाहों एवं कंधों की मजबूती अवश्य जाँच लें. उसे अपना भार अपनी बाँहों पर डालकर फर्श में ऐसा करके देखें. यदि वह आसानी से अपना भार बाँहों में कई बार उठ सके तो उसे वैसाखी के सहारे चलने के काफी अच्छे अवसर हैं. यदि उसके कंधे और बांहें कमजोर हैं और अपना वजन उठाने में सक्षम नहीं है तो वैसाखी के सहारे चलने की काफी कम सम्भावनाएँ हैं.

यदि उसके कंधों और बाहों की मजबूती पर्याप्त है और बच्चा स्वयं को इनके सहारे उठा लेता है तो इस प्रकार की वजन उठाने वाली कसरतों से पर्याप्त शक्ति बढ़ सकती है जिससे वह आसानी पूर्वक वैसाखी को उपयोग में ला सकता है.

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