नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता और अभिभाषक राम जेठमलानी ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर विवादित बयान दिया है। मामले में उन्होंने हुर्रियत को अलगाववादी कहे जाने पर भी आपत्ति ली। मिली जानकारी के अनुसार राम जेठमलानी ने कहा कि हुर्रियत नेताओं को रोकने के लिए सरकार को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जबकि हुर्रियत नेताओं को अलगाववादी कहा गया है। इस मामले में हुर्रियत नेताओं पर भी आपत्ति जताई गई है। मामले में यह भी कहा गया है कि सरकार का इस तरह का कदम मंत्रिमंडल, सरकार, पार्टियों के निरक्षर लोगों की नासमझी के साथ अनभिज्ञता को भी दर्शाता है।
राम जेठमलानी ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त स्वागत समारोह में पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज से हुर्रियत नेता को मिलने के लिए रोकने की आलोचना भी की गई। पाकिस्तान के उच्चायुक्त द्वारा संप्रभु सरकार का प्रतिनिधित्व किया गया दूसरी ओर उन्हें मिलने से भी रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि कार्रवाई से देश बदनाम हो गया है। राम जेठमलानी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून को जानने और उसे समझने की आवश्यकता है। वे हमारे नेता हैं। इन नेताओं के बारे में वे बोल रहे हैं। कांग्रेस में भी कानून जानने वाले नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब अधिक नहीं बोलते यह बेहद मायूस करने वाला है, प्रधानमंत्री को जरूर बोलना चाहिए।