नई दिल्ली : अरविन्द केजरीवाल के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेंद्र कुमार की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि राजेंद्र कुमार गिरफ्तार होने के बाद भी गवाहों को धमका रहे हैं. इन्हें जमानत दी गई तो सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है. कोर्ट ने अपना आदेश 25 जुलाई तक सुरक्षित रख लिया. सीबीआई के वकील ने जज के सामने कहा कि इस बात के पक्के सबूत हैं कि गवाहों को धमकाया जा रहा है. जमानत देने पर मामले की जांच पर असर पड़ सकता है.अभी पैसों के लेन - देन का पता लगाना बाकी है.
जाँच अभी महत्वपूर्ण स्टेज पर है. सीबीआई ने धमकी से जुडी शिकायत का भी हवाला दिया, जबकि राजेंद्र कुमार के वकील मोहित माथुर ने कहा कि जाँच एजेंसियों को जो पूछताछ करनी थी वह हो चुकी. जो कुछ बरामद करना था वो भी हो चुका. उन्होंने मेडिकल आधार पर जमानत की मांग की क्योंकि राजेंद्र कुमार की बेटी गंभीर बीमारी से जूझ रही है.
इसके अलावा केजरीवाल के ऑफिस के पूर्व डिप्टी सेक्रेटरी तरुण शर्मा की जमानत के मामले की सुनवाई 29 जुलाई को की जाएगी जबकि साथी अशोक कुमार और इंटेलिजेंट कम्युनिकेशन सिस्टम्स इण्डिया लि. के एम डी आर एस कौशिक की जमानत याचिका पर सीबीआई को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है. उल्लेखनीय है कि गत दिसंबर में सीबीआई ने सचिवालय स्तिथ ऑफिस में छापा मारकर फाइलें जब्त की थी. जिसका केजरीवाल ने विरोध किया था.