दस्तावेज लीक होने से नहीं हो रही है पनडुब्बियों की खरीद में देरी
दस्तावेज लीक होने से नहीं हो रही है पनडुब्बियों की खरीद में देरी
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नईदिल्ली / मेलबर्न : नौसेना अपनी पनडुब्बियों से जुड़े दस्तावेजों को खंगालने में लगा है। दरअसल पनडुब्बियों से जुड़ी खरीद परियोजनाओं के देरी से पूर्ण होने की संभावनाऐं थीं लेकिन अब यह बात सामने आई है कि इस मामले में दस्तावेज लीक नहीं होने के कारण परियोजना में देरी होने की कोई संभावना नहीं है। इस मामले में नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कहा गया है कि वे नहीं समझते हैंकि कोई भी जानकारी लीक होने का परियोजना पर कोई असर होगा।

दरअसल 6 पनडुब्बियों से जुड़े दस्तावेज लीक होने की जांच में नौसेना जुटी हुई हैं। इस मामले में अधिकारी द्वारा कहा गया कि आवश्यकता होने पर पनडुब्बी में आवश्यक बदलाव हो सकते हैं। कुछ मोडिफिकेशन के बाद इस वर्ष की समाप्ति तक आईएनएस कलावरी नौसेना में शामिल होगा। दरअसल अभी इस युद्ध पोत का परीक्षण चल रहा है। उनका कहना था कि इस वर्ष के अंत तक आईएनएस कलावरी को नौसेना में शामिल किए जाने की संभावना है। अधिकारी द्वारा कहा गया कि उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि पनडुब्बी का निर्माण भारत में ही हो रहा है और ऐसे में जिस तरह की आवश्यकता हो पनडुब्बियों में बदलाव किया जा सकता है।

दरअसल स्काॅर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण करने वाली कंपनी डीसीएनएस ने द आॅस्ट्रेलियन समाचार पत्र के विरूद्ध आॅस्ट्रेलिया के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। कंपनी के पनडुब्बी से जुड़े दस्तावेज आगे से प्रकाशित करने को लेकर रोक लगाने की अपील भी की।

इस मामले में डीसीएनएस के अभिभाषक जस्टिन मुन्सी ने न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर दिया है। स्काॅर्पीन दस्तावेज के प्रकाशन से कंपनी और उसके ग्राहक को नुकसान हुआ है। इस तरह की घटना के बाद गोपनीय सूचनाओं को सुरक्षित रखने का फ्रांसीसी कंपनियों को आत्मविश्वास घटाने की बात कही गई है।

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