नई दिल्ली: मोबाइल और सोशल मिडिया के इस ज़माने में लोग भले ही डाकियों को ना पहचाने, लेकिन कुछ पुरानी आँखे आज भी डाकिये को घर के सामने से गुजरते देखकर चमक उठती हैं. भारत के कुछ गांव में आज भी डाकिये उसकी तरह सक्रीय हैं जैसे डाक सेवा के शुरूआती दौर में थे. लेकिन अब कुछ बदलने वाला है और वो है डाकिये का पहनावा.
जी हाँ, सरकार ने डाकियों और डाक विभाग के अन्य कर्मचारियों के लिए सोमवार को एक नविन गणवेश (वर्दी) का अनावरण किया है. इस गणवेश का निर्माण खादी के कपड़े से किया गया है. संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने इस गणवेश को प्रस्तुत करते हुए कहा की देश के प्रधानमंत्री खादी को प्रोत्साहित करते हैं इसीलिए इस गणवेश को खादी के कपड़े से बनाने का निर्णय लिया गया है.
आपको बता दें कि, इस वर्दी को राष्ट्रीय फैशन तकनीकी संस्थान (निफ्ट) ने डिजाइन किया है. इसमें पहले की गाँधी टोपी को हटाकर पी आकर की सामान्य टोपी रखी गई है. इस नई वर्दी में जेब और टोपी पर भारतीय डाक का चिन्ह होगा , साथ ही कंधे पर लाल पट्टियां होंगी. इस नए गणवेश की कीमत पुरुषों के लिए 1500 और महिलाओं के लिए 1700 निर्धारित की गई है. यह पोशाख जल्द ही खादी के 7,000 बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध होंगी
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